भय्यूजी महाराजः अन्ना से लेकर नरेंद्र मोदी तक का तुड़वाया था अनशन, ऐसे बने थे संत

भय्यूजी महाराजः अन्ना से लेकर नरेंद्र मोदी तक का तुड़वाया था अनशन, ऐसे बने थे संत
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नई दिल्ली । मॉडलिंग की चकाचौंध छोड़ आध्यात्म का रास्ता अपनाने वाले भय्यूजी महाराज ने खुदकुशी ने उनके चाहने वालों को स्तब्ध कर दिया है। एक छोटे से इलाके से निकलकर देश-विदेश में पहचान बनाने वाले भय्यूजी महाराज के भक्तों में कई नामी-गिरामी हस्तियां शामिल थीं। नेता से लेकर अभिनेता और जनता तक भय्यूजी महाराज की कायल थीं। उन्होंने खुदकुशी क्यों की, इसका खुलासा उन्होंने अपने सुसाइड नोट में बताया है कि वे बहुत ज्यादा तनाव में थे।

मॉडलिंग से आध्यात्म का सफर
भय्यूजी महाराज का जन्म मालवा के शुजालपुर प्रांत में साल 1968 में हुआ। आध्यात्म की राह पर चलने से पहले उन्हें उदय सिंह देशमुख के नाम से जाना जाता था। इनके परिवार की गिनती शुजालपुर के जमींदार परिवारों में होती थी। शुरुआती शिक्षा के बाद भय्यूजी महाराज ने मॉडलिंग में अपना करियर बनाने की सोची।

भय्यूजी महाराज ने कपड़ों के नामी-गिरामी ब्रांड के लिए मॉडलिंग की। लेकिन जल्द ही इनका मन मॉडलिंग से ऊब गया और उन्होंने आध्यात्म की राह अपना ली। उनका आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है। भय्यूजी महाराज ने दो शादियां की हैं। इनकी पहली पत्नी माधवी का दो साल पहले निधन हो गया था। पहली पत्नी से भय्यूजी महाराज को एक बेटी, कुहू है। कुहू इस वक्त पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। वहीं, पिछले साल ही अप्रैल में भय्यूजी महाराज ने दूसरी शादी की। उन्होंने मध्यप्रदेश की डॉ. आयुषी से दूसरी शादी की।

लंबी है भक्तों की फेहरिस्त
भय्यूजी महाराज के भक्तों की फेहरिस्त बहुत लंबी। फिल्म जगत से लेकर राजनीति तक कई नामी-गिरामी हस्तियां भय्यूजी महाराज की भक्त हैं। इनमें राजनीति से पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और मनसे नेता राज ठाकरे शामिल हैं। फिल्म जगत से लता मंगेशकर, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी शामिल हैं। भय्यू महाराज से मिलने अब तक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल सहित कई बड़ी हस्तियां उनके आश्रम में आ चुकी हैं।

भय्यू महाराज ने तुड़वाया था अन्ना हजारे का अनशन
भय्यू महाराज पहली बार चर्चा में तब आए जब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार (यूपीए) ने उन्हें अपना दूत बनाकर भेजा था। बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था। इसके अलावा पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे। तब उपवास खुलवाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज को आमंत्रित किया था।

मध्यप्रदेश सरकार ने दिया था राज्यमंत्री का दर्जा
भय्यूजी महाराज को हाल ही में शिवराज सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। लेकिन भय्यूजी महाराज ने सुविधाएं लेने से मना कर दिया।

(साभार :  jagran.com)

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