डोनाल्ड ट्रंप ने की परमाणु हथियारों की वकालत

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वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि चीन और रूस जैसे ‘प्रतिद्वंद्वी’ अमेरिका के हितों, अर्थव्यवस्था और मूल्यों को चुनौती पेश कर रहे हैं. ‘स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस’ में अपने पहले संबोधन में ट्रंप ने कहा, ‘‘हम देश में अमेरिका की शक्ति एवं आत्मविश्वास को फिर से विकसित करने के साथ, विदेशों में भी अपनी ताकत एवं प्रतिष्ठा बहाल कर रहे हैं. दुनिया भर में हम कपटी शासन, आतंकवादी समूहों और चीन तथा रूस जैस प्रतिद्वंद्वियों का सामना कर रहे हैं जो हमारे हितों, हमारी अर्थव्यस्था और हमारे मूल्यों को चुनौती पेश कर रहे हैं.’’ उन्होंने कांग्रेस से सेना को पूरा फंड मुहैया कराने की मांग करते हुए कहा, ‘‘इन खतरों का सामना करते हुए, हमें पता है कि कमजोरियां हमें संघर्ष के रास्ते पर ले जाएंगी और बेजोड़ शक्ति ही हमारी रक्षा कर सकती है.’’

ट्रंप ने कहा, ‘‘अपनी रक्षा के लिए, हमें अपने परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण एवं पुनर्निर्माण करना चाहिए, उम्मीद है कि इसके इस्तेमाल की आवश्यकता नहीं पड़े, लेकिन उसे अधिक मजबूत एवं शक्तिशाली बनाने से अक्रामकता के किसी भी कृत्य पर अंकुश लगा पाना संभव होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘शायद भविष्य में ऐसा कोई दिन भी आए जब दुनिया भर के देश परमाणु कार्यक्रमों का खात्मा करने के लिए एकजुट हों.’’

ट्रंप ने पिछले साल अमेरिकी सहयोगियों के साथ मिलकर धरती से आईएसआईएस का खात्मा करने का संकल्प लिया था. उन्होंने कहा, ‘‘ एक साल बाद, मुझे यह बताते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि आईएसआईएस का खात्मा करने वाले गठबंधन ने ईराक और सीरिया में उनके कब्जे वालों क्षेत्रों का लगभग 100 प्रतिशत हिस्सा स्वतंत्र करा लिया है. लेकिन अभी और बहुत काम किया जाना बाकी है. आईएसआईएस के खात्मे तक हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.’’

(साभार : Zee News Hindi)

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