मोदी के एक फोन से बची थी यमन में लोगों की जान : सुषमा

मोदी के एक फोन से बची थी यमन में लोगों की जान : सुषमा
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

सिंगापुर: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार (7 जनवरी) को कहा कि वर्ष 2015 में सऊदी के शाह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक सीधा फोनकॉल निर्णायक साबित हुआ था तथा युद्ध प्रभावित यमन में फंसे भारतीयों एवं विदेशियों को वहां से निकालने में मदद मिली थी. वर्ष 2015 में सऊदी अरब और उसके सहयोगियों के सैन्य दखल के दौरान यमन से 4000 से अधिक भारतीय नागरिकों एवं विदेशियों को निकालने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन राहत’ शुरु किया था. अदन बंदरगाह से एक अप्रैल, 2015 को समुद्र से इन लोगों को निकालने का काम चला था जो 11 दिनों तक चला था. यहां आसियान-भारत प्रवासी भारतीय दिवस पर प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए स्वराज ने कहा कि यमनी स्थलों पर सऊदी अरब की तरफ से लगातार बमबारी से भारतीयों को वहां से निकालना करीब-करीब असंभव हो गया था. उन्होंने विस्तार से बताया कि ऑपरेशन राहत कैसे सफल रहा.

उन्होंने कहा कि वह मोदी के पास गयीं और उन्हें सुझाव दिया कि सऊदी के शाह के साथ उनका बेहतर संबंध काम आ सकता है. तब मोदी ने रियाद में शाह को सीधे कॉल किया और भारतीयों को सुरक्षित निकालने में सहयोग मांगा तथा एक हफ्ते के लिए बमबमारी रोकने का अनुरोध किया. इस पर सऊदी के शाह ने कहा कि भारत का अनुरोध इतना महत्वपूर्ण है कि उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है लेकिन बमबारी पर पूर्ण विराम से असमर्थता जतायी.

सुषमा के अनुसार मोदी के साथ दोस्ती के चलते सऊदी शाह एक हफ्ते तक सुबह नौ बजे से 11 बजे तक बमबारी रोकने पर राजी हो गये. इस मौके का फायदा उठाते हुए उन्होंने यमन प्रशासन से अदन बंदरगाह और सना हवाई अड्डा खोलने का अनुरोध किया ताकि नागरिकों को एक हफ्ते तक रोजाना दो घंटे तक मुस्तैदी से जिबूती पहुंचाया जा सके.

विदेश मंत्री ने सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री टियो ची हीन की उपस्थिति में कहा, ‘‘यमनियों ने मुझसे कहा कि वे भारतीयों के लिए कुछ भी करेंगे. ’’ उन्होंने कहा कि इस समन्वय से ऑपरेशन राहत के दौरान न केवल 4800 भारतीयों बल्कि अन्य देशों के 1972 लोगों को निकालना संभव हुआ और इस अभियान की अगुवाई विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने की.

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.