पाक से सिंधु समझौता तोड़ने पर विचार, पीएम ने बुलाई बैठक
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सिंधु जल समझौते को लेकर एक अहम बैठक बुलाई है। केंद्र सरकार पर उरी आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने का दबाव पड़ रहा है। कई लोग पाकिस्तान के साथ सिंधु समझौते को रद्द करने की भी मांग कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री सिंधु जल समझौते को लेकर अधिकारियों के साथ हर पहलू पर चर्चा करेंगे। समझौते के फायदे-नुकसान पर भी विचार-विमर्शहोगा। सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, यह एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इस बारे में कोई भी कदम जल्दबाजी में नहीं उठाया जा सकता है। बैठक में अधिकारी प्रधानमंत्री को समझौते की हर बारीकी से अवगत कराएंगे। सिंधु जल समझौते को रद्द करने की बात गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई भी समझौता आपसी भरोसे व विश्वास से चलता है।
हाल ही में वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने भी सरकार से इस समझौते को रद्द करने का कदम उठाने की बात कही थी। सिंधु समझौता वर्ष 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच किया गया था। इसके जरिए पाकिस्तान को झेलम, चेनाब और सिंधु नदी का 80 फीसदी पानी मिलता है। यह समझौता एक तरह से पाकिस्तान के लिए जीवन रेखा है।