विजय रूपाणी फिर बने गुजरात के मुख्यमंत्री, 19 अन्य बने मंत्री
नई दिल्ली: गुजरात में विजय रूपाणी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और इस जीत के साथ ही बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी जीत लिया. बीजेपी की गुजरात जीत ने पीएम मोदी की साख में बट्टा लगने से बचा लिया. मंगलवार को जब गुजरात में दूसरी बार विजय रूपाणी की ताजपोशी हुई तो मंच का नजारा भविष्य में होने वाले चुनावों का आईना दिखा रहा था.
यानी कि बीजेपी ने एक तीर से दो निशाना लगाते हुए शपथ ग्रहण में ही लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपना शक्ति प्रदर्शन किया. मंच पर बीजेपी शासित 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों का जमावड़ा इस बात की तस्दीक करती है कि इस बहाने बीजेपी ने ये दिखाने की कोशिश की है कि अभी तो 19 राज्यों में सत्ता है, मगर अब वो दिन दूर नहीं जब ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ कर देश के सभी राज्यों में कमल खिलता दिखेगा. शपथ ग्रहण के दौरान मंच पर 18 राज्यों के मुख्यमंत्री और गुजरात के कई पुराने चेहरे दिखे. इसके बाद से सियासी गलियारों में ये कायास लगाए जा रहे हैं कि गुजरात में सिर्फ ये रूपाणी सरकार का शपथ नहीं था, बल्कि यह सब 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर शक्ति प्रदर्शन था. हालांकि 2018 में भी देश के 8 राज्यों में चुनाव होने हैं.
रूपाणी की ताजपोशी में बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन:
गुजरात चुनाव से पहले भी जब चुनावी प्रचार का दौर चल रहा था, तब भी इस चुनाव को बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए सेमीफाइनल के रूप में ही देखा जा रहा था. गुजरात जीत से बीजेपी जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी और मजबूत करने की सोच रही थी, वहीं कांग्रेस इसे खुद के लिए संजीवनी के रूप में देख रही थी.
मगर बाजी बीजेपी के हाथ लगी और गुजरात जीत ने एक बार फिर से बीजेपी की 2019 में दावेदारी को और पुख्ता कर दिया. यही वजह है कि जब नतीजों का ऐलान हुआ तो बीजेपी इस जीत को भुनाने में जुट गई और इसे लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अमह जीत बताने लगी. मंगलवार को गुजरात में जिस तरह से बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का मजावड़ा दिखा, ऐसा शायद ही पहले हुआ हो कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में अन्य राज्यों के इतने मुख्यमंत्री एक साथ जुटे हों.