नोएडा दौरा : योगी ने तोड़ा अंधविश्वास का मिथक
नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज औद्योगिक नगरी नाेएडा का दौरा कर पिछली सरकारों के उस मिथक को तोड़ दिया कि जो मुख्यमंत्री नोयडा जाता है, उसको कुर्सी से हाथ धोना पड़ता है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार योगी दोपहर बाद नोएडा पहुंचे और मेट्रो की नई मैजेंटा लाइन के शुभारंभ की तैयारियों को परखा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस लाइन का उद्घाटन करेंगे। दिलचस्प तथ्य यह है कि नोयडा का दौरा करने से पिछली सरकारों के मुख्यमंत्री परहेज करते आये हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के दौरान नोयडा जाने से कतराते थे। कल एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने स्वीकार किया था कि वह कुछ हद तक अंधविश्वास को मानते है। यहां तक कि अगर कोई बिल्ली उनका रास्ता काट जाती है तो वह कुछ समय के लिये रूक जाते हैं। इससे पहले मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे लेकिन नोएडा जाने से बचते रहे।
वर्ष 1988 में नोएडा से लौटने के बाद ही वीर बहादुर सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोडऩी पड़ गई थी। इसके बाद 1989 में नारायण दत्त तिवारी और 1999 में कल्याण सिंह की भी नोएडा आने के बाद कुर्सी चली गयी। वर्ष 1995 में मुलायम सिंह यादव को भी नोएडा आने के कुछ दिन बाद ही अपनी सरकार गंवानी पड़ गई थी। योगी से पहले आखिरी बार बसपा अध्यक्ष मायावती गयी थी मगर 2012 में उन्हे मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी थी।