एक और बाबा की खुली पोल, 40 लड़कियों को मुक्त कराया गया
नई दिल्ली :आश्रम के नाम आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में दिल्ली में रोहिणी के विजय विहार इलाके में अय्याशी चल रही थी। आश्रम में कई घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद करीब 40 लड़कियों को मुक्त कराया गया है। जिनमें नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं।
बता दें कि आध्यात्मिक विश्वविद्यालय नाम से आश्रम चलाने वाला बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित खुद को कृष्ण बताता था।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसने 16000 महिलाओं के साथ संबंध बनाने का लक्ष्य रखा था। वह गोपियां बनाने के लिए लड़कियों को संबंध बनाने के लिए आकर्षित करता था। हाईकोर्ट के निर्देश पर आश्रम की जांच करने पहुंची महिला आयोग और पुलिस की टीम को कुछ वीडियो मिले, जिससे बाबा की काली करतूतों का खुलासा हुआ है।
पुलिस ने आश्रम से दो लोगों को हिरासत में लिया है। आश्रम पर महिलाओं को बंधक बनाकर यौन शोषण का आरोप लगा था। जिसके बाद एक एनजीओ ने कोर्ट में कार्रवाई की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने इसे गंभीर बताते हुए मंगलवार को महिला आयोग से जांच का आदेशदिया था। कार्रवाई के बाद टीम ने बुधवार को हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपी। कार्यवाहकमुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने कहा कि यहमामला गुरमीत राम-रहीम जैसा हो सकता है। सीबीआई जांच होनी चाहिए। कोर्ट नेसीबीआई को आश्रम में छापा मारने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले छापा मारने पहुंची टीम को अनुयायियों बंधक बना लिया था। टीम ने इसी दायरे में तलाशी ली तो बाबा के अश्लील वीडियो-किताबें, जोशवर्धक दवाओं सहित कई आपत्तिजनक सामान मिले थे। वीडियो में सामने आया कि वीरेंद्र खुद
को कृष्ण बताता और गोपियां बनाने के लिए अनुयायी लड़कियों को संबंध बनाने के लिए आकर्षित करता था।
चार मंजिला आश्रम के अंदर बोर्ड पर लिखा था, ‘आपसे कोई पूछे कैसे हो तो बताना-ठीक हैं और खुश हैं। रात में लड़कियां यहां से आती-जाती हैं। यहां देह व्यापार चलता है। उम्र होने के बाद महिलाओं को बाहर निकाल दिया जाता है।