सात दिन बाद फिर जेल गया रॉकी
गया : शहर के चर्चित आदित्य सचदेवा हत्याकांड के मुख्य आरोपित रॉकी यादव को सात दिन खुली हवा में सांस लेने के बाद एक बार फिर जेल भेज दिया गया. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत पर रोक लगाने के बाद रॉकी ने शनिवार को 10.40 बजे अपर जिला व सत्र न्यायाधीश (नवम) सुरेश प्रसाद मिश्रा की अदालत में आत्मसमर्पण (सरेंडर) किया. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में मुख्य आरोपित को जेल भेज दिया. इस दौरान कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था रही. रॉकी के सरेंडर करने के दौरान उसके पिता बिंदी यादव, मां मनाेरमा देवी व सगे-संबंधी कोर्ट परिसर में मौजूद रहे.
न्यायाधीश सुरेश प्रसाद मिश्रा की ही अदालत में आदित्य सचदेवा हत्याकांड का ट्रायल चल रहा है. इसमें शनिवार काे तिथि भी निर्धारित थी. साथ ही, इस मामले के एक अन्य आरोपित रॉकी के चचेरे भाई टेनी यादव की आराेपमुक्त याचिका पर ऑर्डर भी होना था. अदालत ने रॉकी यादव को जेल भेजने के बाद टेनी यादव की आराेपमुक्त याचिका काे खारिज कर दिया
. इस बीच, अभियाेजन पक्ष की आेर से दायर पासपाेर्ट जब्त करने के मामले में बचाव पक्ष ने काेई रिज्वाइंडर दाखिल नहीं किया. इससे पहले अदालत रॉकी यादव व उसके पिता बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ बिंदी यादव की आराेपमुक्त याचिका खारिज कर चुकी है. अभियाेजन पक्ष की आेर से एसडीएन सिंह, सूचक की आेर से नीरज कुमार, बचाव पक्ष की आेर से अधिवक्ता सत्यनारायण सिंह, कैसर सर्फुद्दीन व अनिल कुमार उपस्थित रहे.
गौरतलब है कि विगत सात मई की शाम रोडरेज की एक घटना में गया शहर के पाइप व्यवसायी श्यामसुंदर सचदेवा के बेटे छात्र आदित्य सचदेवा की पुलिस लाइन रोड में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इसमें निलंबित विधान पार्षद मनोरमा देवी व पूर्व जिला पर्षद अध्यक्ष बिंदी यादव के बेटे रॉकी यादव को मुख्य आरोपित बनाया गया. पुलिस ने घटना के बाद नौ मई की रात रॉकी को बोधगया में टेकुना फार्म स्थित मिक्सिंग प्लांट से गिरफ्तार किया था.
तब से रॉकी जेल में था और विगत 19 अक्तूबर को हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद 21 अक्तूबर की शाम वह जेल से बाहर निकला था. हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इस पर सुनवाई करते हुए देश के शीर्ष कोर्ट ने शुक्रवार को रॉकी यादव की जमानत पर रोक लगा दी. फैसला आते ही दिन भर गया से लेकर पटना तक प्रशासनिक महकमे में रॉकी के समर्पण करने को लेकर गहमागहमी बनी रही.