तकनीक के प्रयोग से बदल रहा भारत का स्वरूप : शिवराज

तकनीक के प्रयोग से बदल रहा भारत का स्वरूप : शिवराज
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भोपाल :मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तकनीक के प्रयोग से भारत का स्वरूप बदल रहा है। नये भारत के निर्माण में आधार कार्यक्रम की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में भी टेक्नालॉजी का उपयोग कर अनेक योजनाओं का सफलता पूर्वक संचालन हो रहा है। समर्थन मूल्य खरीदी के स्थान पर किसानों को फसल का वाजिब मूल्य दिलाने के लिये नई पहल भावांतर भी टेक्नालॉजी आधारित है। प्रदेश में छात्रवृत्ति योजना को आधार से लिंक किया गया है। इससे सरकार के करीब 400 करोड़ रूपयों की बचत हुई है। श्री चौहान आज संस्कार वैली विद्यालय में आयोजित आर्थिक उन्नति संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। संगोष्ठी का आयोजन स्वर्गीय रमेश चन्द्र अग्रवाल चेयरमेन दैनिक भास्कर समूह के 73वे जन्म दिवस अवसर पर किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रमेश एण्ड शारदा फाउन्डेशन का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वर्गीय श्री रमेश अग्रवाल ने अपने कामों से नया इतिहास बनाया है। उन्होंने धनार्जन और उसका उपयोग गरीबों की मदद में करने का सफल उदाहरण प्रस्तुत किया है। वे समन्वयकारी व्यक्तित्व के धनी सात्विक कार्यकर्ता थे। वे सबके थे, सब उनके थे। वे सबकी चिंता करते थे। सबके लिये सबकी सुख-समृद्धि के प्रयास करते थे। सरकार और समाज दोनों के लिये समान रूप से सोचते और कार्य करते थे। सामाजिक कार्यों के प्रति भी सजग रहते थे। होली और ईद मिलन दोनों समान भाव से मनाते थे। पानी बचाने के अभियान मध्यप्रदेश में निवेश लाने पर्यावरण संरक्षण आदि के कार्यक्रमों में उनका योगदान महत्वपूर्ण है। वे मध्यप्रदेश के ब्राण्ड एम्बेसेडर थे। मध्यप्रदेश का गर्व थे। भोपाल और भोपालियत के प्रतीक थे। दूरदृष्टा थे। भोपाल उत्सव मेला उनकी परिकल्पना है। भोपाल के अंतिम संस्कार घाटों के सुधार की शुरूआत, उन्होंने की थी। ऐसा लगता ही नहीं है कि वे अब हमारे बीच में नहीं है।

श्री चौहान ने स्वर्गीय अग्रवाल के साथ सतत संपर्क का उल्लेख करते हुये कहा कि उनका मार्गदर्शन सदैव उनके लिये उपयोगी रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट आयोजन में सक्रिय योगदान और अर्थव्यवस्था की धुरी में किसान की भूमिका को स्पष्ट करने में स्वर्गीय अग्रवाल के योगदान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने निवेश के लिये बुनियादी सुविधायें जुटाने के साथ ही किसानों की आमदनी को बढ़ाने के प्रयासों को प्राथमिकता दी है। सिंचाई का रकबा साढ़े सात लाख से बढ़ाकर 40 लाख हेक्टेयर कर दिया है। प्रदेश का बजट 21 हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख 80 हजार करोड़ रूपये हो गया है। उन्होंने स्वर्गीय अग्रवाल की स्मृति में फाउंडेशन गठन और उसके लक्ष्यों की सराहना की।

इन्फोसिस के श्री नंदन नीलकेणी ने कहा कि सरकार के प्रयासों से देश में डाटा क्रांति हुई है। अर्थ व्यवस्था तेजी से बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। आवश्यकता व्यक्ति का जीवन सुधारने के प्रयासों में डाटा उपयोग की है। सरकार का आधार कार्ड परियोजना में 10 हजार करोड़ रूपये का निवेश हुआ था जिससे 57 हजार करोड़ रूपयों की बचत हुई है। दुनिया का सबसे बड़ा 55 करोड़ लोगों का बैंक लिंकेज हुआ है। आधार के समान व्यवस्था करने के लिए दुनिया के 15 देश आगे आए हैं। सरकार के जी.एस.टी., कैशलेस जैसे प्रयासों से देश का डाटा समृद्ध हुआ है। भारत की अर्थव्यवस्था पोस्ट पेड से प्री- पेड में बदल रही है। यह परिवर्तन डाटा क्रांति से आया है। विक्रेता और क्रेता दोनों की साख बढ़ी है। उन्होंने कहा कि विश्व के अन्य देश पहले आर्थिक रूप से समृद्ध हुये फिर डाटा समृद्ध बने, जबकि भारत पहले डाटा समृद्ध हो रहा है। इसका साख, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान में उपयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्व तेजी से बदल रहा है। वैश्वीकरण की प्रक्रिया, निर्माण उद्योगों में रोजगार सृजन की प्रक्रिया धीमी होती जा रही है। अब आवश्यकता है कि कुछ उपक्रमों में लोगों को रोजगार के बजाय बहुत सारे लोगों के उपक्रम हों। भविष्य का रोजगार डाटा से सेवाओं की उपलब्धता का है।

श्री नीलकेणी ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुये कहा कि आधार परियोजना के प्रारंभिक दौर में उनका सहयोग करने वाले मुख्यमंत्रियों में श्री चौहान अग्रणी थे। उन्होंने एजुकेशन फॉर ऑल और लाइफ लाँग लर्निंग और पाठ्य पुस्तकों की स्मार्ट फोनों पर उपलब्धता की जरूरत बताई। सबके लिये शिक्षा का वन सॉल्यूशन उपलब्ध करवाने जिसमें अलग-अलग समूहों की आवश्यकता अनुसार प्रयास हों। इस दिशा में तकनीकी प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने स्वर्गीय रमेश चन्द्र अग्रवाल का स्मरण करते हुये कहा कि वे प्रथम पीढ़ी के उद्यमी थे। उनके विचार आउट ऑफ बॉक्स होते थे। उन्होंने पुण्य तिथि के स्थान पर जन्म दिवस मानने को अच्छी पहल बताया।

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