हर विषय के विद्यार्थी को संविधान का ज्ञान होना चाहिए : जस्टिस प्रिंतीकर दिवाकर
बिलासपुर:संविधान दिवस के अवसर पर आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में बिलासपुर के विभिन्न विधि महाविद्यालयों में अध्ययनरत् छात्रों ने हिस्सा लिया। विजेता छात्रों को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष एवं हाईकोर्ट के जज जस्टिस प्रितीकर दिवाकर ने पुरस्कृत किया। इस अवसर पर जस्टिस दिवाकर ने कहा कि संविधान का ज्ञान हर विषय के विद्यार्थियों को होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के ऑडीटोरियम में आयोजित प्रतियोगिता में विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण किया गया। प्रथम पुरस्कार गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र शैलेश पांडे को मिला, द्वितीय पुरस्कार कौशलेन्द्र राव विधि महाविद्यालय के छात्र सिद्धार्थ पांडे को तथा तृतीय पुरस्कार केंद्रीय विश्वविद्यालय के ही प्रांजल सिंह ने प्राप्त किया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में जस्टिस दिवाकर ने कहा कि अभी बारहवीं तक के विद्यार्थियों को जो विज्ञान और गणित विषय लेते हैं उन्हें संविधान की जानकारी नहीं हो पाती सिर्फ कला संकाय में पढ़ने वाले विद्यार्थी कुछ प्राथमिक जानकारी कोर्स में प्राप्त करते हैं। संविधान की जानकारी सबको होनी चाहिए और सभी विद्यार्थियों को संविधान के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधि के छात्र भविष्य में जब कोर्ट में खड़े होंगे, तो उन्हें अनेक प्रश्नों का तात्कालिक जवाब देना होगा। इसी उद्देश्य को लेकर तात्कालिक भाषण कार्यक्रम आयोजित की गई। विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। अपने अधिकारों से वंचित रहने वाले गरीब आदिवासी वर्ग के लोगों को उनका हक दिलाना हमारा कर्तव्य होना चाहिए। संविधान में प्रदत्त अधिकार सभी नागरिकों को मिले। यह हमारी कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि महाविद्यालयों में लिगल एड क्लीनिक की स्थापना की गई है, जहां छात्र-छात्राओं को विधिक सेवा की जानकारी दी जाती है तथा जरूरतमंदों को विधिक सहायता एवं सलाह भी दी जाती है। संविधान दिवस पर आज हमकों यह संकल्प लेना है कि सभी नागरिकों को संविधान प्रदत्त अधिकार दिलाने में मद्द करंेगेे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कहा कि विधि के छात्रों को कानून की जानकारी और गरीबों को मिलने वाली मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में लोगों तक ज्यादा से ज्यादा जानकारी पहुंचानी चाहिए। आज संविधान दिवस हम मना रहे हैं। परन्तु हमें प्रत्येक दिवस संविधान का पालन करना चाहिए और लोगों में इस विषय में जागरूकता लाने की जरूरत है। यह कार्य विधि के छात्र कर सकते हैं। जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव भी समारोह में विशेष रुप से उपस्थित थे। रजिस्ट्रार जनरल गौतम चौरडि़या ने कहा कि संविधान हमारे देश का हृदय एवं आत्मा है। आज हम शपथ ले कि संविधान में प्रदत्त अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का का पालन करें और हर व्यक्ति को उनके मूल अधिकार दिलाने में मद्द करें। कार्यक्रम के प्रारंभ स्वागत उद्बोधन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री विवेक तिवारी ने दिया। उन्होंने इस आयोजन के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के उप सचिव अभिषेक शर्मा ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। प्रतियोगिता के जूरी मेंबर राजीव श्रीवास्तव प्रवीण दास और फौजिया मिर्जा को भी सम्मानित किया गया। साथ ही प्रतिभागियों को संविधान से संबंधित पुस्तक भेंट की गई। कार्यक्रम में हाईकोर्ट एवं जिला कोर्ट के न्यायिक अधिकारी, रजिस्ट्री के अधिकारी, हाईकोर्ट एवं जिला बार एसोशिएशन के पदाधिकारी, विधि महाविद्यालयों के प्रोफेसर तथा विधि के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।