मुख्यमंत्री ने किया 67.38 करोड़ के निर्माण कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन
रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि जिला बनने के सिर्फ पांच वर्ष के भीतर बलरामपुर-रामानुजगंज का तेजी से विकास होने लगा है। मैं अब यहां के पंच-सरपंचों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी सीधे बात कर सकता हूं। दूरसंचार नेटवर्क के साथ-साथ इस जिले में सड़क और बिजली के नेटवर्क का भी लगातार विकास हो रहा है। कई पुल-पुलियों का निर्माण भी हुआ है।
डॉ. सिंह इस जिले के विकासखण्ड मुख्यालय वाड्रफनगर के महामाया मंदिर प्रांगण में आयोजित सप्ताह व्यापी श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर वाड्रफनगर जनपद पंचायत और बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की जनता को लगभग 67 करोड़ 38 लाख रूपए के 52 निर्माण कार्यों की सौगात दी। उन्होंने इनमें से 55 करोड़ 25 लाख रूपए के 16 नये स्वीकृत निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और 12 करोड़ 32 लाख रूपए के 36 पूर्ण हो चुके निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया।
डॉ. सिंह ने समारोह में पंडित विनोद गोस्वामी का भागवत कथावाचन सुना। उन्होंने आयोजन के लिए आयोजन के लिए गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शशिकला पैकरा को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा-वाड्रफनगर का यह इलाका वर्षों पहले काफी पिछड़ा हुआ था। इस इलाके में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के कई साल पहले भूख से मौत की भी एक घटना हुई थी। अब ऐसी स्थिति नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा-राज्य निर्माण के बाद हमारी सरकार ने वर्ष 2012 में प्रदेश के सभी गरीब परिवारों को भोजन का अधिकार दिलाने के लिए देश का पहला खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून बनाया। इस कानून के जरिए वाड्रफनगर सहित पूरे प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से गरीबों को राशनकार्ड पर प्रति सदस्य सिर्फ एक रूपए किलों में सात किलो चावल और निःशुल्क आयोडीन नमक दिया जा रहा है।
इतना ही नहीं, बल्कि वाड्रफनगर जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में गरीब परिवारों को हर महीने मात्र पांच रूपए किलो में दो किलो चना भी दिया जा रहा है। इस योजना से जहां भूख की समस्या खत्म हुई है, वहीं कुपोषण को कम करने में भी काफी सफलता मिली है। वर्ष 2012 में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का निर्माण हुआ। इसके बाद सिर्फ पांच वर्ष के भीतर इस जिले में तेजी से विकास के अनेक नए कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में चार हजार से ज्यादा परिवारों को पक्के मकान स्वीकृत किए गए हैं।
डॉ. सिंह ने कहा-राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों को वर्ष 2016 के उपार्जित धान पर इस वर्ष 2100 करोड़ रूपए का बोनस देकर अपना संकल्प पूरा किया है। पूरे प्रदेश में किसानों के साथ बोनस तिहार मनाकर उन्हें धान बोनस दिया गया। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में बोनस तिहार के दौरान 16 हजार से ज्यादा किसानों को 33 करोड़ 11 लाख रूपए का बोनस मिला।
उनके चेहरों पर रौनक आ गई। अगले साल भी उन्हें धान पर बोनस दिया जाएगा। उन्होंने कहा-अब अगले माह तेन्दूपत्ता बोनस तिहार मनाया जाएगा और प्रदेश भर के लगभग 14 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों को वर्ष 2016 के संग्रहण कार्य पर 274 करोड़ रूपए से ज्यादा का बोनस दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा-मैं स्वयं पांच दिसम्बर को इस जिले के जनपद पंचायत मुख्यालय शंकरगढ़ आउंगा और वहां तेन्दूपत्ता बोनस का वितरण करूंगा।
मुख्यमंत्री ने कहा-वर्ष 2018 में प्रदेश के साथ-साथ इस जिले के भी समस्त शेष रह गए मजरों-टोलों और गांवों का विद्युतीकरण कर लिया जाएगा। डॉ. सिंह ने कहा-छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में नक्सल समस्या को समाप्त करने के लिए गंभीरता से हर संभव कदम उठा रही है। समारोह को गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर श्रम मंत्री तथा जिले के प्रभारी श्री भईयालाल राजवाड़े, सरगुजा के लोकसभा सांसद श्री कमलभान सिंह, राज्यसभा सांसद श्री रामविचार नेताम, जिला पंचायत सरगुजा की अध्यक्ष श्रीमती फुलेश्वरी सिंह, जिला पंचायत बलरामपुर के उपाध्यक्ष श्री तिलसाय, पूर्व विधायक श्री सिद्धनाथ पैकरा, सरगुजा संभाग के आयुक्त श्री अविनाश चम्पावत और बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कलेक्टर श्री अवनीश शरण सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।