कृष्णा नदी में नाव डूबी, 16 लोगों की मौत
विजयवाड़ा : क्षमता से अधिक, 38 लोगों को लेकर जा रही एक नाव रविवार शाम को विजयवाड़ा के समीप कृष्णा नदी में डूब गई जिससे 16 पर्यटकों की मौत हो गई और सात अन्य लापता हैं. स्थानीय मछुआरों ने 15 लोगों को बचा लिया है. मृतकों में छह महिलाएं और चार बच्चे हैं. बताया जाता है कि यह नौका एक निजी कंपनी द्वारा प्रायोगिक तौर पर चलाई जा रही थी. लापता लोगों की तलाश के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दल (एनडीआरएफ) की टीमों और कृष्णा जिला प्राधिकारियों ने तलाश एवं बचाव अभियान चलाया है.
पर्यटन मंत्री भूमा अखिला प्रिया ने घटना की जांच के साथ साथ अपने विभाग के अधिकारियों को यह पता लगाने का आदेश दिया है कि क्या नौका संचालक ने आवश्यक अनुमति ली थी.
पुलिस ने बताया कि नाव भवानी द्वीप से विजयवाड़ा के समीप फेरी गांव के पवित्र संगमम के लिए रवाना हुई लेकिन यह हादसा हो गया. एक सहायक पुलिस आयुक्त ने बताया ‘नाव में क्षमता से अधिक, 38 लोग सवार थे और ज्यादातर के पास लाइफ जैकेट नहीं थी. नाव पवित्र संगमम के पास एक गहरे मोड़ पर डूबी. ज्यादातर लोग नीचे फंस गए और मारे गए.’ बताया जाता है कि ज्यादातर यात्री प्रकासम जिले के ‘ओंगोल वाकर क्लब’ के सदस्य थे. कुछ यात्री नेल्लोर के थे जो विजयवाड़ा जा रहे थे.
फेरी गांव में स्थानीय मछुआरों ने तत्काल सक्रियता दिखाते हुए 15 लोगों को बचा लिया. बाद में 16 शव नदी से निकाले गए. एनडीआरएफ के 30-30 कर्मियों के दो दल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का 45 सदस्यीय एक दल तथा आपदा प्रतिक्रिया एवं दमकल सेवा विभाग का 60 सदस्यीय दल बचाव अभियान में लगा हुआ है. मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, उप मुख्यमंत्री एन चिना राजप्पा, विपक्ष के नेता वाई एस जगनमोहन रेड्डी तथा अन्य ने हादसे को लेकर अफसोस जाहिर किया है.
घटना स्थल पर बचाव अभियान की निगरानी कर रहे चिना राजप्पा ने मृतकों के परिजन को पांच पांच लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है. अधिकारियों ने बताया कि बचाए गए दो व्यक्तियों ने तबियत ठीक न होने की शिकायत की जिसके बाद उन्हें विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष एन रघुवीरा रेड्डी ने घटना स्थल का दौरा किया और फिर अस्पताल गए. एक मृतक की पहचान भाजपा की प्रकासम जिला इकाई के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर रेड्डी के तौर पर हुई है.