महिला सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री चौहान

महिला सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री चौहान
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भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सुरक्षा का ऐसा वातावरण बनायें जिसमें महिलाएँ, बेटियाँ स्वतंत्र रूप से कहीं भी कभी भी आ-जा सकें। श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं के प्रति विकृत मानसिकता सामाजिक बुराई है। इसके विरूद्ध समाज, सरकार और पुलिस मिलकर कार्य करें। जनजागृति अभियान चलाकर इस बुराई को जड़ से समाप्त किया जाये। यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला अपराधों की रोकथाम के प्रयासों की समीक्षा के दौरान आज दिए। समीक्षा अवसर पर मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह और पुलिस महानिदेशक श्री आर.के. शुक्ला भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रति सोमवार महिला अपराधों की उच्च स्तरीय समिति द्वारा समीक्षा की व्यवस्था की जाये। प्रत्येक जिले में वनस्टॉप सेंटर स्थापित हो। महिला सुरक्षा से संबंधित योजनाओं और रणनीति पर विचार कर सभी जरूरी कदम उठाये जायें। महिलाओं के लिए सेफ ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था हो। सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस और कैमरे लगवायें जायें। महिलाओं के आवागमन की बहुतायत वाले संवेदनशील प्वाईंटों की पेट्रोलिंग और डॉयल 100 सेवाओं के उपयोग की प्रभावी रणनीति बने। आस-पास के क्षेत्रों में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगवाये जायें, भरपूर प्रकाश की व्यवस्था हो ताकि महिलाओं और आम जनता का आत्मविश्वास मजबूत हो।

श्री चौहान ने दुराचारी मानसिकता की समस्या से निपटने के लिए विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर कार्य-योजना बनाकर संवेदनशीलता से कार्य करने की जरूरत बताई। गुड टच और बैड टच, दुराचार आदि की जानकारी विशेषज्ञों के माध्यम से बच्चों को दिए जाने की पहल की जाये। मुख्यमंत्री ने बच्चों और महिलाओं के आवागमन से संबंधित वाहनों के चालकों-परिचालकों की जानकारियाँ संधारित करने कन्या और महिला छात्रावासों, अनाथालयों, संप्रेषण गृहों आदि के प्रभारियों को महिलाओं की गरिमा के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा व्यवस्था संबंधी जानकारियों को फ्लेक्स, पम्पलेट आदि के माध्यम से जगह-जगह प्रचारित किया जाये। महिला विद्यालयों और छात्रावासों के आसपास पुलिस रहवासियों के साथ जीवंत संवाद करें, उनका भरोसा बढ़ाए। महिला सुरक्षा के प्रति लोगों में प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक स्थल, महिला विद्यालय, छात्रावास और उनके आवागमन के स्थलों के निकट स्थित शराब की दुकानों की जानकारी संकलित की जाये ताकि उनको बंद करने की नियमानुसार कार्रवाई हो सके। नशे के व्यसन के विरूद्ध जनजागृति अभियान चले। उन्होंने कहा कि समाज में अच्छे तत्व बहुसंख्या में है। जरूरत उनको जोड़ने और समाज को जागृत करने की है। सामाजिक सम्मेलनों के आयोजनों के माध्यम से विकृत मानसिकता को निंयत्रित करने के लिये सामाजिक स्तर पर दबाव बढ़ाने की कोशिशें हो। प्रशासन और पुलिस जिले में महिला नेतृत्व को चिन्हित करे, उनके साथ सीधा और जीवंत संवाद कायम करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं में सुरक्षा का स्थायी भाव पैदा करने के लिए वे स्वयं भी महिलाओं के साथ संवाद करेंगे। जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंस करेंगे। उन्होंने कहा पीड़ितों के प्रति पुलिस और चिकित्सा आदि विभागों का संवदेनशील व्यवहार सुनिश्चित हो। विगत दिनों घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के अनुसंधान एवं अभियोजन की कार्यवाही समय पर हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में पुलिस प्रभावी कार्रवाई का उदाहरण प्रस्तुत करे, समाज में सकारात्मक संदेश दे। महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रावधानों का प्रसार अभियान, सोशल और इलेक्ट्रानिक मीडिया में चले। महिला सहायता ऐप और हेल्पलाईन का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार हो।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक बर्णवाल, श्री एस.के. मिश्र, अपर पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस श्री राजीव टंडन एवं महिला अपराध श्रीमती अरूणा मोहन राव, आयुक्त जनसंपर्क श्री अनुपम राजन, आयुक्त नगरीय विकास एवं पर्यावरण श्री विवेक अग्रवाल, आयुक्त महिला एवं बाल विकास श्रीमती जयश्री कियावत मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. श्री आदर्श कटियार, गृह सचिव श्री विवेक शर्मा, महानिरीक्षक पुलिस श्री जयदीप प्रसाद, उपमहानिरीक्षक पुलिस श्री एस.के. सिंह उपस्थित थे।

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