अगली हरित क्रांति बिहार से होगी : राष्ट्रपति
पटना : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को बिहार के तीसरे कृषि रोडमैप (2017-22) को लांच करते हुए कहा कि देश की अगली व दूसरी हरित क्रांति की शुरुआत बिहार से होगी. राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार बिहार आये राष्ट्रपति कोविंद ने सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के बापू सभागार में कहा कि बिहार की धरती अन्नपूर्णा है. यह कृषि रोडमैप बिहार का इमेज बिल्डअप करेगा. यह बिहार के साथ-साथ देश के विकास में भी अहम योगदान करेगा.
उन्होंने खेती के विकास के लिए जल प्रबंधन को प्रभावी बनाने पर जोर दिया. अपने को कर्म से बिहारी बताते हुए कोविंद ने कहा कि मेरे जीवन में बिहार का जबरदस्त प्रभाव है और मैं बिहार से मिले स्नेह और सम्मान को जीवन भर नहीं भूल पाऊंगा. इस मौके पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री प्रेम कुमार सहित राज्य कैबिनेट के सभी सदस्य मौजूद थे. इसके पहले मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति को तीसरे कृषि रोडमैप की पहली प्रति भेंट की.
राष्ट्रपति ने अपने 16 मिनट के संबोधन की शुरुआत बिहार के साथ अपने रिश्ते और अपनेपन से की. उन्होंने कहा कि बिहार का राज्यपाल रहते हुए मुझे जो प्यार और स्नेह मिला, वह हमेशा यादगार बनकर मेरे दिल में रहेगा.
मेरे लिए बिहार और इसका बिहारीपन बहुत बड़ी बात है. राजभवन से ज्ञान भवन, फिर राष्ट्रपति भवन सभी से बिहार जुड़ा हुआ है. अगर बापू सभागार में नहीं आता तो यह अधूरापन कहलाता. बिहार ने जिस ज्ञान को बांटा और समेटा है, उसे मैं महसूस करता हूं. बिहार में पैदा होना ही सिर्फ बिहारी नहीं होता.
सबसे बड़ा बिहारीपन मेरा कर्म है. उन्होंने कहा कि बिहार की विभूतियों का देश के निर्माण में बड़ा योगदान है. इनमें पहले राष्ट्रपति डाॅ राजेंद्र प्रसाद और जयप्रकाश नारायण प्रमुख हैं. राजेंद्र बाबू को तो मैं रोज प्रणाम करता हूं. उन्होंने बाबू कुंवर सिंह, बिस्मिल्लाह खान, जगजीवन राम और कर्पूरी ठाकुर को भी याद किया.
राष्ट्रपति ने कहा कि रोडमैप में किसानों के हित की बातें हैं. इससे किसानों को फायदा होगा. रोडमैप में शामिल जैविक कॉरिडोर से बड़ा बदलाव आ सकता है. यहां के किसान जुझारू हैं. पहले दो कृषि रोडमैप से किसानों के समग्र विकास में बुनियादी बदलाव आया और यह रोडमैप उसे आगे बढ़ायेगा. कृषि उत्पादन में बिहार के नयी ऊंचाई प्राप्त की है और इसके लिए पुरस्कृत भी हुआ है.
उन्होंने कहा कि खेती के विकास के लिए जल प्रबंधन पर काम करने की जरूरत है. परंपरागत जल प्रबंधन प्रणाली को व्यापक रूप से बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है. जल प्रबंधन प्रणाली बेहतर तरीके से लागू हो जाये तो अगली हरित क्रांति बिहार से हो सकती है.
कृषि रोडमैप से बिहार की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में भूमि रिकाॅर्ड, मार्केंटिंग और भंडारण पर भी जोर दिया. सुधा डेयरी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली से लेकर लेकर उत्तर-पूर्व के राज्यों तक सुधा डेयरी के उत्पाद पहुंच रहे हैं.