पैराडाइज पेपर्स लीक: 714 भारतीयों के पैसे विदेश में
नई दिल्ली। पूरे देश में हलचल मचाए पैराडाइज पेपर्स के खुलासे पर अब सरकार भी एक्शन में आ गई है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जानकारी दी है कि सरकार ने इस मामले की जांच की निगरानी कई एजेंसियों के एक समूह को सौंप दी है। जांच एजेंसियों के इस समूह की अध्यक्षता सीबीडीटी के चेयरमैन करेंगे। इस समूह में सीबीडीटी, ईडी, आरबीआइ और एफआइयू के प्रतिनिधि होंगे।
बता दें कि पैराडाइज पेपर्स में मीडिया द्वारा आज किए गए खुलासे में 180 देशों में भारत 19वें स्थान पर है जिनमें 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। इन नामों में सत्तापक्ष के कुछ नेताओं के साथ-साथ सिनेमा जगत की कई बड़ी हस्तियों के नाम भी उजागर हुए हैं।
ये खुलासा अमेरिका के इंटरनेशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) पैराडाइज पेपर्स में किया गया है। ध्यान देने वाली बात यह कि आईसीआईजे ने ही पिछले साल पनामा पेपर्स के जरिए कई अहम खुलासे किए थे।
इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए पैसा जुटाने वाले और सीनियर एडवाइजर स्टीफन ब्रोनफमैन ने पूर्व सीनेटर लियो कोल्बर के साथ भी करीब 60 मिलियन डॉलर की राशि टैक्स हेवन देशों में जमा की है।
हालांकि रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया कि रॉस, ब्रोनफमैन या एलिजाबेथ की प्राइवेट प्रॉपर्टी अवैध तरीके से जुटाई गई। ब्रोनफमैन के नाम सामने आने से ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दो साल पहले ट्रूडो आर्थिक असमानता और टैक्स खत्म करने के वादे के साथ ही सत्ता में आए थे। वहीं एलिजाबेथ के टैक्स हेवंस देशों में निवेश से ये सवाल उठ सकता है कि क्या ब्रिटेन की प्रमुख होने के नाते उन्हें ऐसा करना चाहिए?