2022 तक 20 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार : रघुवर दास
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कौशल विकास मिशन अपने अभियान के तहत वर्ष 2022 तक 20 लाख युवाओं को रोजगार देना सुनिश्चित करे. इसके लिए बड़ी संख्या में युवाओं को हुनरमंद बनाने की दिशा में प्रयास किया जाये. श्री दास मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में आयोजित झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी की दूसरी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने घोषणा की कि भवन निर्माण से जुड़े निबंधित श्रमिकों की पेंशन राशि 750 रुपये से बढ़ा कर 1000 रुपये होगी. 2022 तक झारखंड से गरीबी समाप्त करना ही नये भारत व नये झारखंड की सोच है.
विभागों के लिए बनायें राज्य स्तरीय पॉलिसी
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर उद्योग, अस्पताल, स्कूल, बड़े मॉल आ रहे हैं. इनके लिए हुनरमंद लोगों की जरूरत है. इन्हीं जरूरतों को समझते हुए बच्चों को प्रशिक्षित करें. कंपनी अपनी आवश्यकता के अनुरूप युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर अपनी कंपनी में रोजगार दें. इसके लिए जरूरत हो, तो राज्यस्तरीय नीति (पॉलिसी) बना लें, जो सभी विभागों के लिए मान्य होगी.
शहीदों के गांव को रोजगारयुक्त बनायें
श्री दास ने कहा कि राज्य के शहीद ग्राम में किसी भी परिवार में कोई बेरोजगार नहीं रहे. इन ग्रामों को रोजगारयुक्त बनायें. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन ग्रामों में टीम बनाकर भेजें, जो बेरोजगारों की सूची तैयार करेगी. इन बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता व रुचि के अनुसार प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जायेगा. शहीद ग्राम में रोजगार मेला लगाकर इन्हें रोजगार से जोड़ा जाये.
6.5 लाख मजदूरों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ें
सीएम ने कहा कि भवन निर्माण से जुड़े निबंधित 6.5 लाख मजदूरों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ें, ताकि वे परिवार को बीपीएल की श्रेणी से बाहर ला सकें. शिक्षा के अभाव में गरीब के बच्चे भी गरीब रह जा रहे हैं और बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़ती जा रही है. बच्चों को चिह्नित कर सरकारी या निजी स्कूलों में इनका नामांकन करायें. इसी प्रकार बड़े बच्चों को कौशल विकास व उच्च शिक्षा से जोड़ें. इनकी पढ़ाई का शुल्क सरकार वहन करेगी.
तेजस्विनी योजना के तहत 14 से 24 वर्ष की किशोरियों को रोजगार से जोड़ें
तेजस्विनी योजना के तहत 14 से 24 वर्ष तक की किशोरियों व युवतियों को भी कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जायेगा. इसमें युवतियों की रुचि के अनुसार उन्हें टेक्सटाइल्स, नर्सिंग, रिटेल आदि का प्रशिक्षण दिया जायेगा. खासकर, जनजाति समाज व दलित समाज की बच्चियों पर ज्यादा फोकस करें. इसी प्रकार राज्य के हर पंचायत से 100-100 बेरोजगार युवक-युवतियों की सूची तैयार है, उन्हें वेबसाइट पर अपलोड करायें. इंप्लायर से उनकी जरूरत के लिए बैठक करें और इन बच्चों को उसी के अनुरूप तैयार करें. इससे इन्हें तुरंत रोजगार मिल जायेगा.