अब कबाड़ बेचकर पैसा जुटाएगी एयर इंडिया
नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया ने हवाई जहाज के इंजन के कबाड़ (स्क्रैप) हो चुके कलपुर्जों की बिक्री के लिए व्यावसायिक प्रस्ताव मांगे हैं. एयर इंडिया के इस कदम को अतिरिक्त राजस्व जुटाने के तौर पर देखा जा रहा है.
निविदा दस्तावेज के मुताबिक, विमानन कंपनी की मुनाफे में साझीदारी व्यवस्था के तहत चुनिंदा इंजन कलपुर्जों को नुकसान से बचाने की योजना है, अगर वह इसमें असफल रहती है तो फिर इन कलपुर्जों को कबाड़ के रूप में बेच दिया जाएगा. कंपनी की ओर से यह प्रस्ताव ऐसे समय सामने आया है जब सरकार कर्ज के बोझ तले दबी एयर इंडिया के विनिवेश पर काम कर रही है.
दस्तावेज के मुताबिक, विमानन कंपनी इंजन के चुनिंदा भागों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए लाभ-साझाकरण व्यवस्था वाले कारोबारी मॉडल पर गौर कर रही है ताकि इनकी बिक्री और विपणन के जरिए राजस्व जुटाया जा सके. सफल बोलीदाताओं को संबंधित स्थानों से सामग्री को खुद उठाना होगा. इसके अलावा परिवहन, निर्यात मंजूरी और मरम्मत समेत अन्य जरुरतों की व्यवस्था भी खुद करनी होगी.
पिछले महीने, एयर इंडिया के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक राजीव बंसल ने कहा था कि विमानन कंपनी की कुछ हवाईअड्डों पर बिना इस्तेमाल वाले पार्किंग स्थानों (हैंगर) को खाली करने की योजना है. लागत में कटौती के लिए कंपनी इसके अलावा वहां पड़े कबाड़ को भी बेचेगी.
कंपनी पर 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है और वह 30,000 करोड़ रुपये से कुछ अधिक के राहत पैकेज के बल पर फिलहाल परिचालन कर रही है. एयर इंडिया समूह के पास 140 से अधिक विमान हैं और वह 42 अंतर्राष्ट्रीय तथा 70 से अधिक घरेलू स्थानों के लिये विमान सेवायें चलाती है. सरकार ने एयर इंडिया और उसकी पांच अनुषंगियों के विनिवेश का निर्णय किया है.