हिंदू युवा वाहिनी ने पढ़ा ताजमहल पर शिव चालीसा
आगरा : ताजमहल की उपेक्षा के विवाद को थामने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अक्तूबर को यहां पहुंच रहे हैं। लेकिन उससे पहले ही उनके संगठन हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों ने राष्ट्र स्वाभिमान दल के पदाधिकारियों के साथ ताजमहल को शिव मंदिर बताकर विवाद को भड़काने की कोशिश की है।
दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने सोमवार को ताजमहल के अंदर शिव चालीसा का सस्वर पाठ किया। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें रोका और कंट्रोल रूम ले जाकर पूछताछ की। ताज के अंदर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन पर पुलिस की मौजूदगी में उनसे माफीनामा लिखवाकर छोड़ दिया गया।
बता दें कि सोमवार दोपहर राष्ट्र स्वाभिमान दल के संस्थापक दीपक शर्मा, हिंदू युवा वाहिनी के अलीगढ़ महानगर प्रभारी भारत गोस्वामी ने नवनीत, शशांक सहित आठ युवाओं के साथ ताजमहल में प्रवेश किया और रेड सैंड स्टोन प्लेटफार्म पर जाकर शिव चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया।तेज आवाज में शिव चालीसा का पाठ सुनकर एएसआई कर्मचारियों ने सीआईएसएफ जवानों को बुलाया। सीआईएसएफ जवानों ने दल और वाहिनी के कार्यकर्ताओं को रोका और उन्हें कंट्रोल रूम लेकर आए।
यहां दीपक शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की जानकारी न होने की बात कहकर माफी मांगी और लिखित माफीनामा सीआईएसएफ को लिखकर दिया। थाना पुलिस ने कोई शिकायत न मिलने पर कोई कार्रवाई नहीं की।राष्ट्र स्वाभिमान दल के संस्थापक दीपक शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन किया, इसलिए माफीनामा लिखा है, न कि शिव मंदिर और शिव चालीसा के पाठ के लिए। ताजमहल को हम शिव मंदिर ही मानते हैं।
सीआईएसएफ द्वारा कार्यकर्ताओं को छोड़े जाने के बाद दीपक शर्मा ने पूर्वी गेट पर मीडिया से कहा कि मुगलों ने उत्तर भारत के मंदिरों को तोड़ा था। ताज भी शिव मंदिर है और यहां शिव चालीसा का पाठ पूर्व निर्धारित योजना के तहत किया गया है। ताज मकबरा नहीं, बल्कि तेजोमहालय नाम का मंदिर है और इसी रूप में इसकी पहचान होनी चाहिए।
(साभार : अमर उजाला )