शिखर पर रहते हुए संन्यास लेना चाहता था : नेहरा

शिखर पर रहते हुए संन्यास लेना चाहता था : नेहरा
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हैदराबाद। अपने करियर में चोटों से घिरे रहने वाले भारत के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने गुरुवार को घोषणा की कि वह न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले महीने अपने घरेलू मैदान दिल्ली में होने वाल टी-20 मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।

नेहरा ने कहा कि ऐसे में संन्यास लेना अच्छा लगता है, जब लोग क्यों नहीं से ज्यादा क्यों सवाल पूछते हैं।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टी-20 मैच की पूर्व संध्या पर 38 वर्षीय नेहरा ने कहा, ‘मैंने टीम प्रबंधन और चयन समिति के प्रमुख से बात की है। मेरे लिए घरेलू दर्शकों के सामने खेल को अलविदा कहने से बढ़कर कुछ नहीं होगा। उसी मैदान पर 20 साल पहले मैंने अपना पहला रणजी मैच खेला था।

मैं हमेशा कामयाबी के साथ संन्यास लेना चाहता था। मुझे लगता है कि यह सही समय है और मेरे फैसले का स्वागत किया गया है।

उपलब्ध हूं तो बनती है जगह-

नेहरा ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए वापसी की थी, लेकिन उन्हें पहले दो मैचों में अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने सोचा था कि उन्हें सीरीज के सभी मैचों में खेलने का मौका मिलेगा, लेकिन जल्द ही उन्हें अहसास हुआ कि युवा गेंदबाज अपने कंधों पर जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं।

दिल्ली के इस अनुभवी गेंदबाज ने कहा, ‘मैंने कप्तान (विराट कोहली) और कोच (रवि शास्त्री) को इस बारे में जानकारी दे दी है। मुझे लगता है कि यदि मैं उपलब्ध हूं तो मेरी अंतिम एकादश में जगह बनती है। यदि आप देखें तो मैंने पिछले दो वर्षों में सभी टी-20 मैच खेले हैं। इसलिए मैंने अपनी योजना के बारे में टीम प्रबंधन को बता दिया।’

अचानक नहीं लिया फैसला-

नेहरा ने कहा कि उन्होंने यह फैसला अचानक नहीं लिया, बल्कि युवा तेज गेंदबाजों को देखने के बाद लिया है। उन्होंने कहा, ‘भुवनेश्वर जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं। बुमराह और मैं पहले खेल रहे थे, लेकिन अब भुवी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा अगले पांच-छह महीने तक कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं होना है।

‘क्यों नहीं’ से ज्यादा क्यों’-

बायें हाथ के इस तेज गेंदबाज ने कहा कि वह एक साल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आइपीएल खेल सकते थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह अहम है कि ड्रेसिंग रूम में लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं। अब वे सभी कह रहे हैं कि मैं एक-डेढ साल और खेल सकता था। मेरा हमेशा यह मानना रहा है कि ऐसे समय में संन्यास लेना चाहिए जब लोग क्यों नहीं से ज्यादा यह कहें कि क्यों। मैं शिखर पर रहते हुए संन्यास लेना चाहता था।

नेहरा ने इस बात की भी पुष्टि की कि वह अब आइपीएल में भी नहीं खेलेंगे। 1999 में मुहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत के लिए पदार्पण करने वाले नेहरा ने अब तक 17 टेस्ट, 120 टी-20 और 26 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।

(साभार : नईदुनिया )

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