मुड़मा जतरा बनेगा राजकीय मेला : अमर कुमार बाउरी
मांडर: दो दिवसीय मुड़मा जतरा मेला शनिवार को संपन्न हो गया. समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कला-संस्कृति एवं युवा कार्य मंंत्री अमर कुमार बाउरी उपस्थित थे. उन्होंने मुड़मा जतरा को राजकीय मेला का दर्जा देने की घोषणा की. कहा कि इसे शीघ्र ही गजट में प्रकाशित किया जायेगा व अगले साल से इस मेला का और भी बेहतर ढंग से आयोजित करने का प्रयास किया जायेगा. मंत्री ने कहा कि इस मेला का सांस्कृतिक व धार्मिक महत्व है.
यह मेला पूर्व में उपेक्षित था. लेकिन झारखंड की वर्तमान सरकार ने ध्यानाकृष्ट कराये जाने के बाद इसके विकास व सौंदर्यीकरण के लिए काम शुरू कर दिया है. निश्चित रूप से आनेवाले दिनों में इसे इस तरह से विकसित किया जायेगा कि इसकी ख्याति देश ही नहीं विदेशों में भी होगी. मूसलधार बारिश के बीच अपने संबोधन में अमर कुमार बाउरी ने मेले में मौजूद लोगों को पूर्वजों से मिली इस महान संस्कृति व विरासत को संभालकर रखने का आह्वान किया. कहा कि यहां से तमाम लोग झारखंड को एक नंबर राज्य बनाने का संकल्प लें. विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि मुड़मा जतरा एक धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल है.
इसकी पवित्रता बनी रहे इसके लिए हम सभी को संकल्प लेना होगा. उन्होंने मुड़मा जतरा स्थल के संवर्धन व विकास के किये जा रहे कार्य के लिए मुख्यमंत्री व कला-संस्कृति मंत्री का आभार व्यक्त किया. समारोह में धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने मुड़मा जतरा के इतिहास पर प्रकाश डाला. कहा कि यह आदिवासी समुदाय का देवस्थल है. यहां 40 पाड़हा के पहान अपने पाड़हा प्रतीक के साथ शामिल होने आते हैं. यह एक भक्ति स्थल के साथ सांस्कृतिक धरोहर भी है. उन्होंने मुड़मा जतरा को राजकीय जतरा का दर्जा घोषित करने को लेकर मुख्यमंत्री व कला-संस्कृति मंत्री का आभार व्यक्त किया.
कहा कि उनकी वर्षों पुरानी मांग आज पूरी हो गयी. इस अवसर पर हटिया विधायक नवीन जायसवाल ने भी विचार व्यक्त किये. संचालन बाबू पाठक ने किया. समापन समारोह में धर्मगुरु डीडी तिर्की, मनिलाल केरकेट्टा, भगवान दास मुंडा, मिटकु भगत, राजी पाड़हा जतरा संचालन समिति के अध्यक्ष जगराम उरांव, संजय भगत, अनिल उरांव, जतरू उरांव, रंथु उरांव, कमले किस्पोट्टा, एतो उरांव, लक्ष्मण उरांव, सुखदेव उरांव, बाबू पाठक, छेदी प्रसाद, राजू उरांव, सुका उरांव, गोपाल उरांव, सहदेव उरांव, पूर्व विधायक विश्वनाथ भगत, बिरसा उरांव, भौवा उरांव, महादेव उरांव, मनोज उरांव, सामु उरांव, प्रकाश उरांव, रेणु उरांव, सुशीला उरांव, शीला उरांव सहित अन्य मौजूद थे.