80 की उम्र में यशवंत सिन्हा चाहते हैं नौकरी : जेटली

80 की उम्र में यशवंत सिन्हा चाहते हैं नौकरी : जेटली
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नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को मुद्दा बनाकर सरकार की आलोचना में एक हुए कांग्रेस के पी. चिदंबरम और भाजपा के यशवंत सिन्हा को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आईना दिखा दिया है। चिदंबरम और सिन्हा की एक दूसरे के प्रति राय को सामने रख दिया जिसमें दोनों नेता एक-दूसरे को बतौर वित्तमंत्री अयोग्य और भारत के लिए लगभग काला अध्याय करार दे चुके थे।

जेटली ने करारा जवाब देते हुए कहा कि एक होकर भी दोनों नेता इस सच्चाई को नहीं झुठला सकते कि वर्तमान सरकार में अर्थव्यवस्था की गति तो बढ़ी ही है। निचले तबके तक लाभ पहुंचाने की दिशा भी साफ हुई है। इच्छाशक्ति का सवाल हो या कालेधन पर प्रहार कर देश को आगे बढ़ाने की मंशा, सरकार में साफ तौर पर दिखी है जो पहले नहीं थी। उन्होंने कहा कि यशवंत सिन्हा नीतियों के बजाय व्यक्तिगत टिप्पणियां अधिक कर रहे हैं।

गौरतलब है कि कई कारणों से नाराज और हाशिए पर खड़े यशवंत सिन्हा पिछले दो दिनों से सरकार की आर्थिक नीति और खासतौर से वित्तमंत्री जेटली पर हमलावर हैं। जाहिर तौर पर इसने कांग्रेस को बल दिया और लगे हाथों संप्रग सरकार में वित्तमंत्री रहे चिदंबरम, राहुल गांधी व अन्य ने भी सुर में सुर मिला दिया। गुरुवार को जेटली ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया। ‘इंडिया एट 70, मोदी एट 3.5’ नाम की एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर उन्होंने बिंदुवार जवाब दिया और बताया कि सरकार का ध्यान पहले से ही इस बात पर था कि लाभ नीचे तक पहुंचे। सरकार को यह फैसला लेना था कि केवल अर्थव्यवस्था की तेजी पर ध्यान दिया जाए या नीचे तक उसे पहुंचाने पर।

जेटली ने कहा कि इससे कोई इन्कार नहीं कर सकता कि सरकार फैसले ले रही है। बिना हिचक नोटबंदी का भी फैसला हुआ और उसे किसी भी स्तर पर गलत नहीं ठहराया जा सकता है। मंदी का आरोप लगाया जा रहा है लेकिन दूसरी तरफ टैक्स देने वालों की संख्या भी बढ़ी है। जेटली ने कई आर्थिक मापदंडों पर पिछली सरकार के साथ तुलना भी की और वैश्विक हालात में भारत की स्थिति को मजबूत भी बताया।

सामान्यतया व्यक्तिगत हमले से बचने वाले जेटली ने गुरुवार को यशवंत और चिदंबरम को आमने सामने खड़ा कर दिया। तंज कसते हुए जेटली ने कहा कि वह पूर्व वित्तमंत्री नहीं हुए कि अपनी अवधारणा बदल दें। एक दूसरे के खिलाफ दिए गए बयानों को उद्धृत करते हुए जेटली ने कहा कि दोनों एक दूसरे के वित्त मंत्रित्व काल पर तीखी टिप्पणी कर चुके हैं। चिदंबरम ने एक वक्त सिन्हा के लिए कहा था-‘वित्तमंत्री के रूप में 2000-03 का सिन्हा का काल घातक था और इसीलिए प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उन्हें हटाना पड़ा था।’ सिन्हा ने भी चिदंबरम के बारे में कुछ ऐसी ही राय रखी थी। उन्होंने कहा था-‘मेरी योग्यता हासिल करने के लिए चिदंबरम को दोबारा जन्म लेना पड़ेगा। भारत को चिंताजनक फिस्कल डेफिसिट से उबारने में वह असमर्थ हैं।’

पुस्तक मोदी सरकार के साढ़े तीन साल पर लिखी गई है। ऐसे में जेटली ने यशवंत पर तंज भी किया। उन्होंने कहा कि पुस्तक का नाम होना चाहिए था- इंडिया एट 70, मोदी एट 3.5 एंड जॉब एप्लिकेंट एट 80। ध्यान रहे कि यशवंत 80 साल के हो चुके हैं और माना जाता है कि उनकी नाराजगी का कारण यही है कि मोदी सरकार में उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।

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