सुलह के लिए मुलायम का फरमान, संगठन शिवपाल के हाथ, टिकट बांटेंगे अखिलेश!
नई दिल्ली। समाजवादी कुनबे में मची कलह को शांत करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव फॉर्मूला निकाल सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक संगठन की जिम्मेदारी शिवपाल यादव संभालेंगे, लेकिन टिकट बांटने का अधिकार मुख्यमंत्री अखिलेश के पास रहेगा। साथ ही 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा भी अखिलेश यादव ही होंगे। बड़ा सवाल ये है कि क्या ये फॉर्मूला अखिलेश और शिवपाल को मंजूर होगा ?
सोमवार को पूरे दिन चले सियासी ड्रामे के बाद अब सुलह के आसार बनते नजर आ रहे हैं। दिनभर चले हाईवोल्टेज ड्रामे और बैठकों के बाद एसपी अध्यक्ष मुलायम सिंह ने फरमान सुना दिया है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी अब सुलह की तरफ बढ़ रही है। मुलायम ने आदेश जारी कर दिया है कि संगठन की कमान शिवपाल के हाथ में रहेगी, लेकिन टिकट बांटने का अधिकार अखिलेश के पास रहेगा। साथ ही मुलायम ने साफ किया है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश ही पार्टी का चेहरा होंगे।
तो क्या मान लिया जाए कि नेताजी के इस फॉर्मूले से परिवार का विवाद खत्म हो जाएगा? शिवपाल और अखिलेश में सुलह हो जाएगी? क्या चाचा-भतीजे की दिलों की दूरियां मिट जाएंगी? फिलहाल ऐसे सवालों के जवाब इस फॉर्मूले से निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को विधायकों की मीटिंग में अखिलेश ने कहा कि पार्टी नेता जी और उनकी है, इसलिए टिकट वो ही बांटेंगे यानी टिकट बांटने के बहाने लड़ाई उत्तराधिकार की भी है। यह सबको पता है कि अखिलेश यादव नेता जी के स्वाभाविक उत्ताराधिकारी हैं, लेकिन नेता जी का भाई प्रेम ना तो अखिलेश को रास आ रहा है और ना ही उनके समर्थकों को।
वहीं, समाजवादी पार्टी में मचे घमासान पर राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। इस घटनाक्रम में सीएम अखिलेश यादव को लेकर अमर सिंह ने कहा कि वो मेरे नेता के बेटे हैं। उनको शुभकामनाएं। वहीं, मुलायम कुनबे में मची कलह और खुद पर लगे आरोपों को लेकर अमर सिंह ने कहा कि खामोशी कई सवालों का जवाब है।
दूसरी तरफ पार्टी से बर्खास्त किए गए रामगोपाल ने शिवपाल और अमर सिंह को धमकी दी। खुद पर लगे आरोपों से आहत रामगोपाल ने शिवपाल और अमर को उनके खिलाफ सार्वजनिक मंच से बोलने की चुनौती दी। रामगोपाल ने कहा कि उन पर इस तरह के घटिया आरोप अगर पब्लिक मीटिंग में लगाएंगे तो जनता मारेगी।
बहरहाल, अगर सूत्रों पर यकीन किया जाए तो अब मुलायम के फॉर्मूले से सुलह होने जा रही है, लेकिन सवाल है कि यह फॉर्मूला कितना टिकाऊ होगा? अखिलेश और शिवपाल तत्काल भले ही सुलह कर लें, लेकिन भीतर खाने सब कुछ ठीक हो जाएगा। ऐसा कहना अभी मुश्किल है।