नीतीश मंत्रिमंडल का गठन किया, 27 मंत्री शामिल
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 27 मंत्रियों के साथ आज अपने मंत्रिमंडल का गठन किया जिसमें जदयू से 14, भाजपा से 12 और एक लोजपा से है। नीतीश ने एक दिन पहले ही विधानसभा में विश्वासमत हासिल किया था।
राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने राजभवन में शाम में आयोजित एक समारोह में मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी।
मंगल पांडेय शिमला में थे जो कि हिमाचल प्रदेश के पार्टी मामलों के प्रभारी भी हैं और वह समारोह में नहीं आ पाये। यद्यपि उनके चंडीगढ़ से एक चार्टर्ड विमान से पहुंचने पर उन्हें बाद में राजभवन में शपथ दिलायी गई।
इसके पहले कुमार और सुशील मोदी ने 27 जुलाई को क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। विधानसभा में विश्वास मत मिलने के एक दिन बाद मंत्रिमंडल का आज विस्तार किया गया।
शपथ ग्रहण समारोह में कुमार, सुशील मोदी के अलावा लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी भी शामिल हुए।
शपथ ग्रहण समारोह में राजद या कांग्रेस का कोई भी नहीं दिखा जो अब विपक्ष में हैं।
इसके साथ ही समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी उपस्थित नहीं थे जो कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के एकमात्र विधायक हैं जो कि भाजपा की सहयोगी पार्टी है। वह दिल्ली में हैं।
243-सदस्यीय सदन में, संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार अधिकतम 37 मंत्री हो सकते हैं। इस हिसाब से अभी आठ मंत्री पद खाली हैं।
जदयू के विजेंद्र प्रसाद यादव ने सबसे पहले शपथ ली। उसके बाद भाजपा के प्रेम कुमार ने शपथ ली जो पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष थे। शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में जदयू के राजीव रंजन सिंह ललन और भाजपा के नंद किशोर यादव शामिल हैं। जदयू की मंजू वर्मा एकमात्र महिला हैं जिसे मंत्री बनाया गया है। वह पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार में महिला सशक्तिकरण मंत्री थीं।
राजग कोटे से 12 मंत्री भाजपा से और एक उसके सहयोगी लोजपा का है। लोजपा से पशुपति कुमार पारस मंत्री बने हैं जो केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई हैं। पारस बिहार के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। वर्तमान विधानसभा में लोजपा के दो विधायक हैं और उन्होंने विश्वास मत में पक्ष में मतदान किया था। राजग के घटक दलों रालोसपा और हम पार्टी से कोई मंत्री नहीं बनाया गया है।
मीडिया के एक वर्ग में खबरों में कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के लिए मंत्री पद आखिरी समय में लोजपा को दे दिया गया। रालोसपा के दोनों विधायकों ने कुमार के समर्थन में मतदान किया था।
पारस ने मीडियाकर्मियों द्वारा पूछे जाने पर कहा, मैंने पार्टी के निर्णय और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मंत्री के तौर पर शपथ ली।
यद्यपि शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए रालोसपा से मंत्री पद के आकांक्षी सुधांशु शेखर ने पार्टी को मंत्री पद नहीं दिये जाने पर अप्रसन्नता जतायी।