‘राम’की शरण में लालू परिवार
पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के ऊपर बेनामी संपत्ति का संकट. सीबीआई की ओर से प्राथमिकी दर्ज करने और छापेमारी के बाद बिहार की राजनीति में मचा सियासी घमसान. शायद इसी वजह से उन्हें एक अदद तारणहार की तलाश है. राजनीतिक सूत्र कहते हैं कि तेजस्वी के लिए तारणहार का काम करेंगे ‘राम’. जी हां, वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी. वैसे भी संकट के दिनों लालू परिवार को बस इसी नाम का सहारा है.
लालू यादव भले ही लगातार भाजपा पर ‘राम’के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाते रहे हों, लेकिन अब उनके पुत्र भी ‘राम’ की शरण में पहुंचने वाले हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो तेजस्वी यादव राम जेठमलानी से मिलेंगे और अपनी समस्याओं को उनसे साझा करेंगे.
तेजस्वी यादव को यह पता है कि नीतीश कुमार अपने स्टैंड पर कायम रहेंगे. नीतीश राजनीति में नैतिकता के ‘नाक’ की राजनीति करते हैं. वैसे भी, नीतीश पहले ही जदयू नेताओं के साथ बैठक कर यह स्पष्ट कर चुके हैं कि तेजस्वी को जवाब देना ही होगा. तेजस्वी ने हाल में एक बयान दिया कि जदयू और नीतीश कुमार ने उनसे इस्तीफा नहीं मांगा है, इसलिए वह इस्तीफा नहीं देंगे.
इस्तीफे की मांग मीडिया की उपज है. इस बयान के बाद भी जदयू के प्रवक्ता उग्र रहे और उन्होंने लगातार राजद पर निशाना साधा. लालू यादव लगातार चारा घोटाले में रांची का चक्कर काट रहे हैं. तेजस्वी पर प्राथमिकी दर्ज है. बहन मीसा भारती की संपत्ति पर प्रवर्तन निदेशालय की निगाहें टिकी हुई हैं.
चारों ओर से संकट से घिरा परिवार अब एक्टिव हुआ है और लगातार कानून के जानकारों की सलाह ले रहा है. राजद के सूत्र बताते हैं कि लालू परिवार लगातार वकीलों के संपर्क में हैं और कानूनी रूप से जवाब देने की ताक में हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार शाम साढ़े छह बजे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की.
इस दौरान दोनों के बीच बिहार के ताजा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई. बताया जा रहा है कि तेजस्वी ने अपनी बात सोनिया गांधी के समक्ष रखी. उधर, सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इसके ठीक पहले नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से मुलाकात कर, यह इशारा कर दिया है कि तेजस्वी का कैबिनेट में बने रहना ठीक नहीं है.