यूपी विधानसभा का बजट सत्र आज से
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के पहले वार्षिक बजट के प्रस्तुतीकरण के साथ राज्य विधानमंडल का बजट सत्र मंगलवार को शुरू हो जाएगा. विपक्ष ने कानून व्यवस्था तथा अन्य विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य सरकार को घेरने की तैयारी की है. आगामी 28 जुलाई तक चलने वाले इस सत्र में विपक्षी दल खासतौर से सपा और कांग्रेस कानून-व्यवस्था, किसानों की कर्ज माफी, किसानों द्वारा आत्महत्या इत्यादि के विषयों को उठाकर सरकार को सदन में घेरने की कोशिश करेंगे.
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि उनकी पार्टी प्रदेश में अपराध का ग्राफ तेजी से चढ़ने के मुद्दे को सदन में जोर-शोर से उठाएगी.
इसके अलावा पार्टी गरीबों तथा किसानों के सामने खड़ी गंभीर समस्याओं को लेकर भी आवाज बुलंद करेगी. कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय प्रताप लल्लू ने बताया कि उनकी पार्टी प्रदेश में कर्ज के बोझ तले दबे किसानों द्वारा आत्महत्या की हाल की घटनाओं को खासतौर पर सदन में उठाएगी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. यहां तक कि पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं है. लल्लू ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की कर्ज माफी को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट नीति नहीं ला सकी है. ऐसे में कर्ज की वजह से किसानों द्वारा आत्महत्या बेहद गंभीर विषय है.
लल्लू ने कहा कि उनकी पार्टी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के खिलाफ नहीं है मगर सरकार जिस तरह से इसे व्यापारियों पर थोप रही है, कांग्रेस उसके खिलाफ है और वह इस मुद्दे को भी इस सदन में उठाएगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पूर्वाचल में इंसेफेलाइटिस की बीमारी की वजह से बच्चों की मौत के मामले को भी उठाएगी. इस साल अब तक इस बीमारी से कम से कम 70 बच्चों की मौत हो चुकी है और सरकार एक करोड़ वैक्सीन लगाने के दावे कर रही है.
इस बीच, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उनकी पार्टी भी विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था तथा अन्य प्रमुख मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित द्वारा अनुमोदित कार्यक्रम के तहत विधानसभा के बजट सत्र में कुल 14 बैठकों होंगी. बजट 2017-18 पर चर्चा के लिए अलग-अलग दिन मुकर्र किए गए हैं.
प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार ने गत वर्ष दिसंबर में इस साल जुलाई तक के लिए लेखानुदान प्रस्तुत किया था. आगामी बजट सत्र के दौरान सदन में बजट के अलावा कई अन्य विधाई कार्य भी किए जाएंगे. प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा तथा उसके सहयोगी दलों के पास 325 सीटें हैं, वही विपक्ष के केवल 74 सदस्य हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचंड एवं बहुमत के साथ सरकार में आने के बाद गत मई में आहूत विधानमंडल के पहले सत्र में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया था और अभिभाषण पढ़ रहे राज्यपाल राम नाईक की ओर कागज के गोले फेंके थे.
इस सत्र के दौरान सदन में जीएसटी विधेयक को आम सहमति से पारित किया गया था. राज्य सरकार को प्रदेश के करीब 86 लाख लघु तथा सीमांत किसानों के एक लाख रुपये तक के कर्ज को माफ करने से राजकोष पर पड़ने वाले 36000 करोड़ रुपये के बोझ को हटाने के लिए अतिरिक्त संसाधनों का प्रबंध करना होगा.
इसके अलावा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से आने वाले 34000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च को पूरा करने के लिए भी उसे संसाधन जुटाने होंगे. माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार होगा जब किसी एक वित्तीय वर्ष में राज्य की किसी सरकार को इतनी बड़ी धनराशि की जरूरत होगी.
हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि किसानों के कर्ज माफी की वजह से पड़ने वाले वित्तीय बोझ को नए कर के माध्यम से जनता पर नहीं थोपा जाएगा. सरकार अपने खर्चो में कटौती करके इसकी भरपाई करेगी.
योगी ने कहा था कि उनकी सरकार ने विभिन्न हस्तियों के नाम पर होनेवाले 15 सार्वजनिक अवकाशों को समाप्त कर दिया है और इससे सालाना करीब 50,000 करोड़ रुपये के राजस्व की बचत होगी. किसानों की कर्ज माफी के वास्ते धन एकत्र करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने 36,359 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाने के मकसद से किसान राहत बांड जारी करने का फैसला किया है.
इसके अलावा राज्य सरकार ने हुडको, नाबार्ड ग्रामीण विद्युतीकरण निगम तथा विद्युत वितरण निगम से 16,580 करोड़ रुपये का कर्ज लेने का फैसला भी किया है. इस धन का इस्तेमाल सड़कें बनाने, राजमार्गो को उच्चीकृत करने एक्सप्रेस-वे बनवाने, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के लिए मकान बनवाने तथा नगरीय विकास एवं बिजली वितरण नेटवर्क को मजबूत करने में किया जाएगा.