रायबरेली नरसंहार पर आदित्यनाथ के दो मंत्री आमने-सामने
लखनऊ । रायबरेली के ऊंचाहार में पांच लोगों की हत्या के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार के दो मंत्री ही आमने-सामने आ गए हैं। यह दोनों विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ ब्रजेश पाठक ने मोर्चा खोल दिया है। ब्रजेश पाठक ने स्वामी प्रसाद मौर्या को ऊंचाहर में पांच लोगों की हत्या के मामले में हत्यारों का ‘संरक्षक’ बताया है। ऊंचाहार में जमीन पर कब्जे के विवाद में तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। दो लोगों को गाड़ी में जिन्दा जला दिया गया था।
इस हत्याकांड के कई दिनों बाद योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद ने जो कुछ कहा है वो हैरान करने वाला है। अब स्वामी प्रसाद के बयानों की कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने उन्हें आड़े हाथों लिया है।
कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वामी प्रसाद के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने स्वामी प्रसाद पर सीधा निशाना साधा है। पाठक ने कहा कि अपराधी को संरक्षण देने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। नरसंहार के आरोपियों को संरक्षण देना गलत है। पाठक ने स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि स्वामी के बयान को पुलिस संज्ञान में ले। उन्होंने कहा कि नरसंहार के आरोपियों को संरक्षण देना गलत है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि पहुंच वाले अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह सर्वविदित है कि मृतकों को समझौते के लिए बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि रायबरेली में नरसंहार हुआ है। रायबरेली नरसंहार के आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी। अपराधियों को संरक्षण देंगे वालों पर भी एक्शन लिया जायेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार पीडि़त परिवार के साथ सरकार खड़ी है।
स्वामी प्रसाद का दावा झूठा निकला
इस पूरे प्रकरण पर अब स्वामी प्रसाद मौर्या घिरते नजर आ रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या के आरोप बेबुनियाद साबित हो रहे हैं। अभी तक की जांच में मारे गए पांचों लोगों का अपराधिक इतिहास नहीं पाया गया है। मारे गए लोगों की कोई हिस्ट्रीशीट नहीं है। कौशाम्बी और प्रतापगढ़ पुलिस की रिपोर्ट कम से कम यही दर्शाती है।