2019 चुनाव के लिए दिग्गजों को मैनेज करने में जुटे लालू
पटना : राजद के 21वें स्थापना दिवस के अवसर पर बुधवार को पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने पुराने अंदाज में दिखे और भाजपा पर जमकर निशाना साधा. लालू प्रसाद ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2019 की हार के डर से विपक्षी दलों को तोड़ने में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इस दौरान राजद प्रमुख ने 2019 में भाजपा का खेल खत्म करने का फॉर्म्युला भी बताया. साथ ही लालू यादव ने 27 अगस्त को राजद की ओर से पटना में आयोजित भाजपा विरोधी रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आने का न्यौता दिया. जिससे विपक्षी एकता का संदेश अभी से देश के सामने दिया जा सकें.
लालू को उम्मीद, …तो 2019 से पहले ऐसी बन जाएगी स्थिति
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि हर कोई अपनी विचारधारा अनुरूप काम कर रहा है, चाहें वह मायावती जी हों, अखिलेश हो, रॉबर्ट वाड्रा जी हों, प्रियंका गांधी जी हों, ममता दी हों या केजरीवाल हो, लालू यादव हों या उनका परिवार. भाजपा हमें तोड़ना चाहती है और वह विपक्ष की राजनीतिक शक्ति से अनजान नहीं है. साथ ही भाजपा यह भी जानती है कि अगर सभी विपक्षी पार्टियां एक हो जाती हैं तो भारतीय जनता पार्टी का 2019 में फिर से सरकार बनाने का सपना, सपना ही रहा जाएगा. यूपी में भाजपा की जीत पर बोलते हुए लालू ने कहा कि अगर मायवती और अखिलेश एक जाएं तो भारतीय जनता पार्टी का गेम ओवर हो जाएगा. उन्होंने उम्मीद जताई की 2019 से पहले ऐसी स्थिति बन जाएगी.
लालू ने नीतीश-केजरीवाल को किया इशारा
राजद के स्थापना दिवस के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान लालू यादव ने नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल की ओर इशारा करते हुए दोनों प्रमुख नेताओं को 27 अगस्त की रैली में शामिल होने का न्यौता दिया है. लालू यादव ने नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल को इस रैली में शामिल होने के लिए न्यौता देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि अगर अभी से विपक्षी दल एकजुट होना शुरू हो जाएं तो 2019 में भाजपा का गेम ओवर करने में आसानी होगी. इशारा साफ है कि अगर नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल जैसे साफ छवि वाले नेता लालू यादव के साथ बने रहते है तो 2019 के खेल में विपक्ष को फायदा होगा.
राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो कहीं न कहीं लालू यादव अपने नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल को विपक्षी एकता के लिए एकजुट करना चाहते है क्योंकि बीतें दिनों लगातार ऐसी खबरें आ रही है कि नीतीश कुमार लालू यादव का साथ छोड़कर भाजपा के साथ जा सकते है. अगर ऐसा हुआ तो लालू यादव असहाय हो जाएंगे. लालू यादव ने कहीं न कहीं अखिलेश और मायावती के साथ आने की बात कहकर नीतीश और केजरीवाल को यह संदेश देना चाहते है कि सभी विपक्षी दलों को अभी से एकजुट होने का प्रयास करना चाहिए. जिससे भाजपा के इरादे कमजाेर होने शुरू हो जाएं.
नीतीश के ‘राजतिलक’ में लालू-केजरीवाल ने एक-दूसरे को लगाया था गले
गौर हो कि इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली जीत के बाद पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके साथियों के शपथग्रहण समारोह के अवसर पर देश के तमाम दलों के नेता उपस्थित हुए थे. इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मंच पर एक दूसरे को गले लगाया था. इस दौरान दोनों ने हाथ उठाकर लोगों को पोज भी दिया.