नर्मदा सेवा यात्रा का विराम और नर्मदा सेवा मिशन का शुभारंभ

नर्मदा सेवा यात्रा का विराम और नर्मदा सेवा मिशन का शुभारंभ
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

भोपाल : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जब अधिकार भाव प्रबल हो जाता है और कर्त्तव्य भाव क्षीण हो जाता है तब अनेक पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न होती हैं। उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण के प्रति भी कर्त्तव्य भाव कम होने से नदियाँ लुप्त हो रही हैं। ऐसे समय नर्मदा सेवा का काम लोगों में कर्त्तव्य भाव जाग्रत करने का महायज्ञ सिद्ध होगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी आज अमरमंटक में ‘नर्मदा सेवा यात्रा’ की पूर्णता और नर्मदा सेवा मिशन के शुभारंभ अवसर पर भव्य समारोह में नर्मदा सेवकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नर्मदा सेवकों को प्रणाम करने से भी नर्मदा सेवा का पुण्य प्राप्त होता है। यह पुण्य माँ भारती की सेवा और गरीबों के जीवन में खुशहाली लाने के काम आएगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा से अहंकार मिट्टी में मिल जाता है। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री और नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि समय रहते नदियों के संरक्षण के प्रति जागृत हो गए हैं। केरल की एक नदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज कई नदियों में पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि चूँकि नर्मदा नदी ग्लेशियर से नहीं निकलती। यह पौधों के प्रसाद से प्रगट होती है इसलिए बड़े पैमाने पर पेड़ लगाकर इसकी रक्षा करने का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा कर्म करें कि आने वाली पीढ़ियाँ हमें याद रखें जैसे कि आज हम अपने पुरखों का याद करते हैं। जैसे नदियों ने पुरखों को जीवन दिया उसी तरह हम भी नदियों को जीवन दें।

श्री मोदी ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा दुनिया की एक असंभव और असामान्य घटना है जब लाखों लोग एक नदी की रक्षा के लिये संकल्पबद्ध हुए। मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश की जनता और नर्मदा सेवा से जुड़े भक्तों को इस असाधारण कार्य के लिए बधाई। इस कार्य का वैश्विक महत्व है।

श्री मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में नदी के संरक्षण का अदभुत काम हुआ है। इस यात्रा के दौरान 25 लाख लोगों ने नदी बचाने का संकल्प लिया है। मध्यप्रदेश ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के नागरिकों और किसानों की ओर से मध्यप्रदेश सरकार और नागरिकों का अभिनंदन करते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोग जानते हैं कि नर्मदा की एक-एक बूँद का कितना महत्व है।

स्वच्छता के क्षेत्र में म.प्र. देश में सबसे आगे – प्रधानमंत्री

स्वच्छता अभियान की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जन-भागीदारी लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। जनभागीदारी की उपेक्षा कर कोई भी सरकार सफल नहीं हो सकती । इसके लिये जन-समर्थन जरूरी है। इस दिशा में मध्यप्रदेश ने उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश पीछे था लेकिन दृढ़ संकल्प और जन-भागीदारी से आज देश में सबसे आगे है। देश के 100 स्वच्छ शहरों में मध्यप्रदेश के 22 शहर शमिल हैं। पूरे देश में इंदौर पहले और भोपाल दूसरे स्थान पर है। इसका साफ मतलब है कि जन-भागीदारी और प्रशासन दोनों ने साथ काम किया है। यह उदाहरण अन्य राज्यों को प्रेरणा देने वाला है।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.