बिहार में शराब सात जन्मों में भी बंद नहीं होने वाली : पासवान
पटना: लोजपा प्रमुख और केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार में पूर्णशराबबंदी के मद्देनजर शराब के सेवन और इसकी तस्करी करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार के सघन अभियान छेड़े जाने के बीच राज्य में जब्त और पुलिस गोदाम में रखा करीब नौ लाख लीटर शराब के चूहों द्वारा गटक जाने के मामले पर शनिवार चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी अभियान को मात्र एक ‘ढकोसला’ करार देते हुए कहा कि ‘इससे हास्यापद स्थिति क्या हो सकती है?’
पटना स्थित अपने आवास पर लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनसे पूछा गया था कि वह 10 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शराबबंदी को लेकर हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक पर क्या सोचते हैं? पासवान ने इसके जवाब में कहा, शराबबंदी मात्र एक ‘ढकोसला’ है. उन्होंने दावा किया, ‘शराब यहां सात जन्म में भी बंद नहीं होने वाली है, क्योंकि शराबबंदी के कारण प्रदेश में से नौकरशाही स्तर पर और भी भ्रष्टाचार बढ़ गया है और अब निचले स्तर तक के अधिकारी लाखपति बनते जा रहे हैं. सबकी सबसे सांठगांठ हो गई है. सीधे घर में शराब की आपूर्ति हो रही है’.
राज्य में जब्त और पुलिस गोदाम में रखी करीब नौ लाख लीटर शराब चूहों द्वारा गटक जाने संबंधी मामले पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी अभियान की इससे ज्यादा हास्यापद स्थिति क्या होगी? यह जितना अधिक उसके बारे में चर्चा कर रहे हैं, प्रदेश में जहरीली शराब पीने से लोगों के मरने की घटना सहित लोगों की परेशानियां उतना ही अधिक बढ़ती जा रही हैं’.
शराबबंदी के लागू होने के करीब 14 महीने बाद भी राज्य में जारी शराब तस्करी पर चिंता जताते हुए लोजपा प्रमुख ने नीतीश पर आरोप लगाया, ‘अपने पिछले दस साल के शासनकाल के दौरान उन्होंने लोगों को शराब पिलाई.. गांव-गांव में शराब की दुकानें खुलवाईं और अब दिखावे के लिए शराबबंदी की बातें कर रहे हैं’.