माया के वफादार नसीमुद्दीन के निष्कासन पर गरमाई सियासत
गोरखपुर : बसपा के कद्दावर नेताओं में शुमार पूर्व मंत्री और पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दकी के निष्कासन को पार्टी नेताओं के साथ-साथ पदाधिकारियों ने भी सही ठहराया है। हार के लिए जिम्मेदार नसीमुद्दीन ही नहीं सभी तत्वों को एक-एक कर बाहर का रास्ता दिखाने की जरूरत है। उनका कहना था कि बहनजी किसी के खिलाफ भी कार्रवाई जल्दबाजी में नहीं करती बल्कि उसके खिलाफ ठोस सबूत इकट्ठा करके ही कार्रवाई करती हैं। उधर, कुछ नेताओं पर इस बार किसी भी तरह की राय देने से इन्कार कर दिया।
चिल्लूपार से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी ने कहा कि पार्टी के साथ गद्दारी करना बिल्कुल गलत है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। बहनजी ने जो फैसला किया है वह बिल्कुल सही है। इस कदम से पार्टी मजबूत होगी।
जिलाध्यक्ष रामदेव पासवान ने कहा कि बहनजी का आदेश और निर्देश सर्वमान्य है। सिद्दकी को लेकर तमाम शिकायतें लंबे समय से बहन जी को मिल रही थी, जिसके बाद पार्टी के हित में उन्हें ये फैसला लेना पड़ा।
पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार भारती ने कहा कि बहन जी ने जो कदम उठाया है वह पहले ही हो जाना चाहिए था। लेकिन वह किसी के खिलाफ भी जल्दबाजी में कार्रवाई करने की बजाय पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही फैसला लेती हैं। नसीमुद्दीन ने पश्चिमी यूपी में पार्टी को कमजोर किया था।
उधर, बसपा में कई विभागों के मंत्री रहने वाले नसीमुद्दीन सिद्दकी और बसपा सुप्रीमो की बातचीत का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे दिन पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। इसको लेकर तरह-तरह की बातें तो चलती रहीं, लेकिन कोई भी नेता खुलकर कुछ भी बोलने से बचता रहा। शाम को बसपा सुप्रीमो मायावती की लखनऊ में हुई प्रेस कांफ्रेंस के बाद स्थानीय नेताओं ने इस फैसले पर अपनी राय जाहिर की।