बालको की आरोग्य परियोजना से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में आया बदलाव

बालको की आरोग्य परियोजना से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में आया बदलाव
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बालकोनगर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपनी स्वास्थ्य परियोजना ‘आरोग्य’ के तहत स्वास्थ्य जांच, पोषण परामर्श और जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से 10,000 से अधिक माताओं को सशक्त बनाकर स्वास्थ्य सेवा में बदलाव लाया है। बच्चों के विकास वर्षों में स्वस्थ आहार की भूमिका पर जोर देते हुए बालको ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण संबंधी कमियों को दूर कर रहा है।

आरोग्य परियोजना बच्चों को पोषण स्थिति के आधार पर, उन्हें वर्गीकृत करने के लिए स्वास्थ्य जांच प्रदान करता है। कुपोषित बच्चों की पहचान कर, माताओं के साथ 12-दिवसीय पीडी हर्थ (पोषित आहार पुनर्वास केंद्र) सत्र आयोजित किए जाते हैं। इस अभियान से बच्चे के पोषण और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सफलता मिली है। सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले स्वास्थ्य पूरक टेक होम राशन (टीएचआर) का उपयोग करके व्यंजन बनाना सिखाया जाता है। भारत सरकार द्वारा मातृ एवं शिशु की देखभाल के लिए शुरू की गई ‘पोषण माह’ पहल के अनुरूप बालको जिला स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण संबंधी सहायता एवं जागरूकता प्रदान करता है। विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से कंपनी ग्रामीण समुदायों में सस्टेनेबल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दे रहे है।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि कंपनी स्वास्थ्य पहल को प्राथमिकता देती है क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य मजबूत समुदाय की नींव है। स्वस्थ माताएँ और बच्चे राष्ट्र के विकास की रीढ़ होते हैं। कंपनी स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए, सभी तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच और जागरूकता को बढ़ावा दिया है। हम समुदायिक भलाई एवं स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध हैं।

खटियापारा गांव की निवासी नेहा साहू बताती हैं कि एक मां के रूप में मैं अपने बच्चे को पोषण देने के लिए तैयार नहीं थी, क्योंकि हर बच्चे की पोषण संबंधी ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं। जब मेरी छोटी बच्ची को मध्यम तीव्र कुपोषण का पता चला तब मैंने बालको द्वारा आयोजित पीडी हर्थ सेशन में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू किया। इससे मेरे बच्चे के वजन में वृद्धि तथा सकारात्मक स्वास्थ्य सुधार देखने को मिला। जागरूकता अभियान के ज़रिए मैंने जो जानकारी प्राप्त की, अब उसे मैं हर किसी से साझा करती हूँ।

बालको ने एक डिजिटल सीरीज़ भी शुरू किया है जो माताओं को कुपोषण से उबरने के लिए ज़रूरी टिप्स देती है। इसके साथ ही कंपनी नंदघर के ज़रिए बच्चों की स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान करता है, इसमें एनीमिया की रोकथाम और स्वच्छता जागरूकता पहल शामिल है।

बालको अपने सामुदायिक विकास के स्वास्थ्य पहल, ग्रामीण स्वास्थ्य पोस्ट और मेगा स्वास्थ्य शिविर के ज़रिए कंपनी अपने आसपास के समुदाय के जीवन को बदल रहा है। इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) स्थापित कर, कंपनी पहली कॉर्पोरेट संस्थान के रूप में राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के साथ भागीदारी की है। इसके साथ ही मोबाइल हेल्थ वैन (एमएचवी) की मदद से आसपास के 70 समुदाय में घर-घर जाकर चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इससे 22,500 से ज़्यादा लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हुई हैं। बालको अपने स्वास्थ्य पहल से कर्मचारियों तथा समुदाय के जीवन को सशक्त बना रहा है।

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