पैन के लिए आधार अनिवार्य करने के सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
नई दिल्ली। पैन कार्ड बनवाने और आयकर रिटर्न भरने में आधार को अनिवार्य किये जाने का कानून सुप्रीम कोर्ट के स्कैनर पर है। कोर्ट विचार करेगा कि पैन कार्ड के लिए आधार अनिवार्य किया जा सकता है कि नहीं।
आधार को अनिवार्य न किये जाने के कोर्ट के आदेश के बावजूद इसे अनिवार्य करने पर कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार से सवाल किया जिसका सरकार ने जवाब देने का प्रयास भी किया। लेकिन कोर्ट ने अब इस मामले में 26 अप्रैल को विस्तृत सुनवाई का मन बनाया है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है जिसमें आयकर कानून की धारा 139एए की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। सरकार ने इसी साल आयकर कानून में संशोधन कर नये पैन कार्ड का आवेदन करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा इस कानून में आयकर रिर्टन भरने के लिए भी आधार को अनिवार्य किया गया है। ये नियम एक जुलाई से लागू हो जाएगा।
शुक्रवार को मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एके सीकरी व न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने केन्द्र सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से आधार को अनिवार्य किये जाने पर सवाल किये। पीठ ने कहा कि जब कोर्ट का पूर्व आदेश है कि आधार अनिवार्य नहीं होगा ये वैकल्पिक होगा तो फिर पैन के लिए इसे अनिवार्य क्यों किया गया।
रोहतगी ने कोर्ट की जिज्ञासा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार को पता चला है कि बहुत से पैन कार्ड फर्जी राशनकार्ड व अन्य दस्तावेजों के आधार पर हासिल कर लिए गए हैं और उन फर्जी पैन कार्डो के जरिए रकम छद्म कंपनियों में ट्रांसफर की गई है। लोगों के पास कई कई पैन कार्ड होने के भी मामले पता चले हैं। इसी कारण पैन कार्ड के लिए आवेदन करने में आधार को अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि फर्जी पैन कार्ड के जरिए छद्म कंपनियों में पैसा ट्रांसफर रोकने का यही एक विकल्प बचा था।
रोहतगी ने कहा कि ये अब कानूनी है। आयकर कानून की धारा 139एए यही कहती है। इस पर पीठ की टिप्पणी थी कि यही उपाय निकला है। जब कोर्ट ने कहा है कि आधार अनिवार्य नहीं होगा तो फिर कैसे अनिवार्य किया जा सकता है। रोहतगी ने मोबाइल सिम कार्ड की स्कि्रूटनिंग के सुप्रीमकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जब ये पाया गया कि सिम कार्ड फर्जी परिचय पत्र पर लिए जाते हैं तो कोर्ट ने ही सरकार से इस बारे में प्रभावी तंत्र बनाने को कहा था।
उधर दूसरी ओर याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दत्तार ने आयकर कानून में किये गये नये संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि इस कानून के मुताबिक अगर किसी के पास आधार नहीं है तो वह पैन कार्ड नहीं बनवा सकता। इससे बड़ी दिक्कतें खड़ी हो जाएगीं। कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले पर 26 अप्रैल को विस्तृत सुनवाई करेगा।