राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय रिजर्व बैंक की 90वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में भाग लिया

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय रिजर्व बैंक की 90वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में भाग लिया
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नई दिल्ली : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (1 अप्रैल, 2025) मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक की 90 वर्षगांठ के समापन समारोह में भाग लिया।इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्रीय बैंक के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक देश की अविश्वसनीय विकास गाथा का केंद्र है। भारतीय रिजर्व बैंक आजादी से पहले देश की भीषण गरीबी से जूझने से लेकर विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने तक की यात्रा का साक्षी हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक देश के महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक है। उन्होंने कहा कि आमजन का उनकी जेब में रखे नोटों पर छपे भारतीय रिजर्व बैंक के नाम के अलावा कोई सीधा संपर्क नही होता है, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से बैंकों और अन्य माध्यमों से उनके सभी वित्तीय लेन-देन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ही नियंत्रित होते हैं और वे सहज रूप से इसके द्वारा संचालित वित्तीय प्रणाली में अपना पूर्ण विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि यह विश्वास ही भारतीय रिजर्व बैंक की नौ दशकों की सबसे बड़ी उपलब्धि है। भारतीय रिजर्व बैंक ने मूल्य स्थिरता, विकास और वित्तीय स्थिरता के अपने अधिदेश को दृढ़ता से बनाए रखते हुए यह विश्वास अर्जित किया है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने हमारे आगे बढ़ते राष्ट्र की उभरती जरूरतों को पूरा करने के अनुरूप स्वयं को ढाला है। राष्ट्रपति ने कहा कि 1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण से लेकर कोविड-19 महामारी तक प्रमुख चुनौतियों के प्रति त्वरित प्रतिक्रियाएं भारतीय रिजर्व बैंक की अनुकूलनशीलता को दर्शाती हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने तेजी से वैश्वीकृत हो रहे विश्व में, प्रतिकूल अंतरराष्ट्रीय प्रवृत्तियों के समक्ष देश की वित्तीय प्रणाली की सुदृढ़ता को सुनिश्चित किया हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत को डिजिटल भुगतान में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। देश के भुगतान ढांचे को लगातार आधुनिक बनाकर, इसने यह सुनिश्चित किया है कि डिजिटल लेनदेन न केवल सहज और कुशल हों, बल्कि सुरक्षित भी हों। यूपीआई जैसे नवाचारों से वित्तीय क्षेत्र तक पहुंच में आयी क्रांति से तत्काल, कम लागत वाले लेनदेन संभव हुए हैं और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है। भुगतान के अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक ने एक जीवंत फिन-टेक इकोसिस्टम विकसित किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे-जैसे भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी के समीप पहुंच रहा है, ‘विकसित भारत 2047’ का मिशन एक ऐसे वित्तीय इकोसिस्टम की मांग करता है जो नवोन्मेषी, अनुकूलनीय और सभी के लिए सुलभ हो। उन्होंने कहा कि आगे का मार्ग नई जटिलताएं और चुनौतियां पेश करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि स्थिरता, नवाचार और समावेशिता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ, भारतीय रिजर्व बैंक शक्ति का एक स्तंभ बना रहेगा – विश्वास को मजबूत करेगा और देश को समृद्धि और वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाएगा। राष्ट्रपति ने कहा कि एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली सुनिश्चित करने, वित्तीय नवाचार को बढ़ावा देने और हमारे वित्तीय इकोसिस्टम में विश्वास की रक्षा करते हुए मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता के संरक्षक के रूप में, भारतीय रिजर्व बैंक विकसित भारत की यात्रा में एक निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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