पनामा पेपर्स मामले में नवाज को फौरी राहत,जांच का आदेश
इस्लामाबाद। पनामा पेपर्स लीक मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आज फौरी राहत मिल गयी लेकिन उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच संयुक्त जांच दल(जेईटी)करेगा ।
भ्रष्टाचार का यह हाईप्रोफाइल मामला शरीफ द्वारा नब्बे के दशक में दो बार प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए कथित तौर पर काले धन को वैध करने के लिए लंदन में सम्पत्ति खरीदने से जुड़ा है।
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ के परिजनों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए संयुक्त जांच दल (जेआईटी) गठित करने का आदेश दिया। जांच रिपोर्ट दो महीने में पेश करनी होगी । पांच-सदस्यीय पीठ ने 3-2 से बहुमत का 540 पृष्ठों का फैसला सुनाया, जिसके तीन न्यायाधीश जेआईटी गठन के, जबकि दो न्यायाधीश शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटाने की याचिकाकर्ता की मांग के पक्ष में थे।
न्यायालय ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), जमात-ए-इस्लामी (जेआई), वतन पार्टी और ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग की दलीलों पर विचार किया। इन संगठनों और राजनीतिक दलों ने अदालत के बाहर भी इस मामले को भ्रटाचार के खिलाफ एक अभियान की तरह चला रखा है ।
जेआईटी गठन का आदेश देने वाले न्यायमूर्ति एजाज अफजत खान, न्यायमूर्ति अजमत सईद और न्यायमूर्ति इजाजुल अहसान ने अपने फैसले में शरीफ और उनके दोनों बेटे -हसन और हुसैन को जेईटी के समक्ष पेश होने का भी निर्देश दिया । इन तीनों न्यायाधीशों ने कहा, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से हटाने को लेकर पर्याप्त सबूतों का अभाव है।
न्यायमूर्ति गुलजार अहमद और न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा ने अलग से लिखे अपने फैसले में शरीफ को बेइमान करार दिया है। दोनों न्यायाधीश याचिकाकर्ताओं की मांग के अनुरूप उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने के पक्ष में थे ।न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि जेआईटी की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद शरीफ को अयोग्य करार दिये जाने के मसले पर विचार किया जाएगा ।
न्यायालय ने एक सप्ताह के भीतर जेईटी के गठन का आदेश दिया है । जांच दल प्रत्येक दो सप्ताह पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा । जेईटी को जांच का काम पूरा करने के लिए दो माह का समय दिया गया है ।
पीठ ने जेआईटी में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी), सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारियों को शामिल करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा एक महानिदेशक स्तर का एफआईए का अधिकारी जेआईटी का नेतृत्व करेगा।
इस मामले में शरीफ, उनके परिवार के सदस्य-मरियम नवाज, हसन नवाज तथा हुसैन नवाज और उनके दामाद कैप्टन मोहम्मद सफदर और वित्त मंत्री इशाक डार प्रतिवादी हैं।