लोक सुराज अभियान: नक्सल क्षेत्रों में दूसरे दिन भी जारी रहा मुख्यमंत्री का सघन दौरा
रायपुर:राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित इलाकों में विकास और विश्वास का पैगाम लेकर तेज धूप और गर्म हवाओं के थपेड़ों के बीच मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का सघन दौरा आज भी जारी रहा। प्रदेश व्यापी लोक सुराज अभियान के तीसरे चरण का आज दूसरा दिन था।
मुख्यमंत्री राज्य के अंतिम छोर के जिला मुख्यालय सुकमा से रवाना होकर पहले वहां के ग्राम केरलापाल में आयोजित समाधान शिविर में शामिल हुए। मुख्यमंत्री को केरलापाल ले जाने के लिए सुकमा में हेलीकॉप्टर मौजूद था, अधिकारियों ने उनसे कहा कि सुरक्षा करणों से उन्हें हेलीकॉप्टर में जाना चाहिए, लेकिन डॉ. सिंह नेे सड़क मार्ग से वहां जाने का निर्णय लिया। वे नक्सल खतरे की परवाह किए बिना सुकमा से 18 किलोमीटर सड़क के रास्ते केरलापाल पहुंचे और समाधान शिविर में शामिल हुए। ज्ञातव्य है कि इस सड़क पर नक्सलियों द्वारा कई घटनाओं को अंजाम दिया गया था, इसी इलाके में वर्ष 2012 सुकमा के तत्कालीन कलेक्टर का अपहरण भी हुआ था, जिन्हें बड़ी कठिनाई से छुड़वाया गया। लोक निर्माण विभाग और सुरक्षा बलों ने सुकमा से केरलापाल तक सड़क निर्माण पूर्ण करवाया।
बीजापुर जिले के दुगोली समाधान शिविर में पहुंचे मुख्यमंत्री
डॉ. रमन सिंह ने लडडू, स्कूल बैग, पुस्तक और
फूल-मालाओं से बच्चों का किया स्वागत
मुख्यमंत्री केरलापाल से हेलीकॉप्टर द्वारा बीजापुर जिले के ग्राम दुगोली आए और वहां उन्होंने समाधान शिविर में ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए शराबबंदी में सभी लोगों और विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी का आव्हान किया। मुख्यमंत्री ने दुगोली में नल जल योजना के लिए 33 लाख 55 हजार रूपए मंजूर करने की घोषणा की। डॉ. सिंह ने शिविर में क्षेत्र के किसान श्री नरसिंह गोंड को सौर सुजला योजना में सोलर सिंचाई पम्प, कमला राणा को सामाजिक सुरक्षा पेंशन और पंडरू कुंजाम को देवगुड़ी निर्माण के लिए राशि का वितरण किया। उन्होंने ग्रामीणों को आबादी पट्टे भी दिए। दुगोली के समाधान शिविर में दुगोली सहित आस-पास की आठ ग्राम पंचायतों के किसान, मजदूर और अन्य ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने दुगोली के समाधान शिविर में प्रदेश व्यापी शाला प्रवेश उत्सव के तहत नये शिक्षा सत्र में कक्षा पहली और कक्षा नवमी में प्रवेश ले रहे बच्चों का स्वागत करते हुए उन्हें निःशुल्क स्कूल बैग, कापी और पुस्तक भेंटकर, लडडू खिलाकर और माला पहनाकर आशीर्वाद प्रदान किया।
अवैध शराब बेचने पर कोचिया होंगे गिरफ्तार
अगले दो साल में समस्याओं के सफाये का लक्ष्य: डॉ. रमन सिंह
मुख्यमंत्री ने उन्हें सम्बोधित करते हुए कहा-राज्य सरकार ने शराब के अवैध कारोबार को खत्म करने के लिए तीन हजार या उससे कम आबादी वाले गांवोें में शराब दुकानों को बंद करवा दिया है। अब अगर कहीं कोई कोचिया अवैध शराब बेचते दिखेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। अवैध शराब के वाहनों को सरकार जब्त कर लेगी। मुख्यमंत्री ने समाधान शिविर में इस नक्सल प्रभावित इलाके के ग्रामीणों को सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के जरिए जनता की हर समस्या का निराकरण होगा। जिस प्रकार हम लोग दीपावली के पहले अपने घरों की विशेष रूप से सफाई करते हैं, ठीक उसी तरह अगले दो साल में समस्याओं का भी सफाया करने का हमारा लक्ष्य है। डॉ. सिंह ने कहा कि अगले दो साल में बीजापुर जिले के हर गांव और हर मजरे टोले में बिजली पहुंच जाएगी।
डॉ. सिंह ने कहा-इस इलाके के लोगों की मांग पर हम लोगों ने लगभग दस वर्ष पहले बीजापुर को जिला बनाया था। उस समय इस क्षेत्र के बाहर के कुछ लोग मेरे इस निर्णय पर विश्वास नहीं कर रहे थे और मजाक उड़ाया करते थे और सवाल उठाया करते थे कि इस अंचल को जिला बनाने का क्या फायदा होगा। मैं आज उन्हें निमंत्रण देना चाहता हूं कि वे बीजापुर आएं और यहां हो रहे विकास कार्यों तक जनजीवन में आ रहे सकारात्मक परिवर्तनों को स्वयं देखें। डॉ. सिंह ने कहा-जिला बनने के सिर्फ एक दशक के भीतर बीजापुर को एक तेजी से विकसित होते जिले के रूप में पहचान मिली है। उन्होंने कहा -लोक सुराज अभियान का स्वरूप बदलकर अब समाधान पर जोर दिया जा रहा है। अभियान के प्रथम चरण में लोगों से आवेदन बुलाए गए। पूरे प्रदेश में 28 लाख आवेदन आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा-पहले ग्रामीणो से स्कूल,सड़क और आंगनबाडी की मांग आती थी, ये सभी मांगें लगभग पूरी हो गई हैं। अब ग्रामीण जनता की ओर से मोबाइल कनेक्टीविटी, मोबाइल टावर और मोबाइल फोन की मांग आती है। यह विकास के प्रति जनता के एक नये नजरिए का उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा-प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत राज्य में 700 करोड़ रूपए की कार्य योजना बनाकर सभी जरूरतमंद गरीब परिवारों को पक्के मकान दिलाने का कार्य शुरू हो गया है। उज्जवला योजना में 35 लाख परिवारों को मात्र 200 रूपए पंजीयन शुल्क लेकर रसोई गैस कनेक्शन, डबल बर्नर चूल्हा और पहला भरा हुआ सिलेण्डर निःशुल्क दिया जा रहा है।
महुआ बीनने और तेन्दूपत्ता तोड़ने वालों को भी देंगे स्मार्ट मोबाइल फोन
डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री के डिजिटल भारत के सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री संचार क्रांति योजना (स्काई) शुरू की गई है, जिसमें राज्य के 45 लाख लोगो को स्मार्ट फोन देने का लक्ष्य है। इसके लिए 1600 टॉवर लगाए जाएंगे। स्मार्ट फोन मिलने पर लोगों को कैशलेस भुगतान और छात्र-छात्राओं को पढाई मे आसानी होगी। अब महुआ बीनने और तंेदुपत्ता तोडने वाले ग्रामीणों को भी मोबाइल फोन मिलेगा। हमारा काम सड़क पुल पलिया बनाने के साथ लोगों के जीवन में बदलाव भी लाना है। सौर सुजला योजना के तहत लाभ 51000 किसानों को अत्यंत कम कीमत पर सोलर सिंचाई पम्प दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा-प्रधानमंत्री ने देश 2019 तक ओडीएफ करने का संकल्प लिया है लेकिन छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने 2 अक्टूबर 2018 तक राज्य को खुले मे शौच मुक्त करने का संकल्प लिया है, जिसे पूरा करने मे सफल रहेंगे।
छत्तीसगढ़ के पीडीएस में उत्तर प्रदेश की दिलचस्पी
मुख्यमंत्री ने कहा-छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपनी दिलचस्पी दिखायी है। वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हमारे यहां की इस प्रणाली की तारीफ की है। वहां के दो मंत्री हाल ही में छत्तीसगढ़ आकर हमारे यहां की राशन वितरण व्यवस्था का अध्ययन कर चुके हैं। मुख्य सचिव विवेक ढांड ने शिविर मे ग्रामीणों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। सुविधाऐं देने का कार्य शासन कर रही है। इसके लिए पूरे छत्तीसगढ़ में 1600 मोबाईल टॉवर लगाने की कार्रवाई की जा रही है। कार्यक्रम में वन मंत्री श्री महेश गागडा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती जमुना सकनी, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, पर्यटन, संस्कृति और जनसम्पर्क विभाग के सचिव श्री संतोष मिश्रा, लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, कमिश्नर बस्तर दिलीप वासनीकर, डीआइजी पी सुदंरराज, कलेक्टर डॉ अयाज तंबोली व एसपी श्री के.एल.ध्रुव और मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री विक्रम सिसोदिया भी शिविर में उपस्थित थे। दुगोली समाधान शिविर में कलेक्टर डॉ अयाज तंबोली ने बताया कि 8 ग्राम पंचायतो के क्लस्टर में 26 से 28 फरवरी के बीच शिविर लगाकर 1397 आवेदन ग्रामीणों से लिये गये जिनमे जिलास्तर पर 1220 आवेदनों को निराकरण किया जा चुका है।