जनता के पैसों से रामजेठमलानी का बिल चुकाना चाहते है : केजरीवाल
नई दिल्ली। डीडीसीए मामले में वित्तमंत्री अरूण जेटली पर आरोप लगाने के बाद मानहानि का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि इस केस में अब तक जो राशि करीब 3 करोड़ रुपए हो चुकी है उसे करदाताओं के पैसे से चुकाया जाए।
मानहानि केस में केजरीवाल की तरफ से मशहूर वकील रामजेठमलानी पैरवी कर रहे हैं। इस केस में रामजेठमलानी ने कथित तौर पर रिटेनरशिप के रूप में एक करोड़ रुपए का बिल और कोर्ट में हर पेशी के लिए 22 लाख रुपए का बिल भेजा है। रामजेठमलानी अब तक केजरीवाल की तरफ से ग्यारह बार पेश हुए हैं। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस केस जुड़े बिलों पर दस्तखत कर उसे पास करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दिया है।
दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील के बिलों पर सालीसिटर जनरल रंजीत कुमार से सलाह मांगी है। दिल्ली के कानून विभाग ने इन बिलों का मामला एलजी के पास भेजा था। विभाग का कहना था कि एलजी की अनुमति जरूरी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से चल रहे मानहानि के केस में राम जेठमलानी को अपना वकील बनाया था। उनकी फीस के भुगतान के लिए फाईल कानून विभाग के पास भेजी गई थी।
दिसंबर 2016 में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कानून विभाग के पास पत्र भेजा था। उसके जवाब में कानून मंत्रालय ने एलजी की अनुमति के लिए फाईल भेज दी थी। राम जेठमलानी का बिल तकरीबन तीन करोड़ रुपये है। कानून विभाग ने बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि वित्त मंत्री अरुण जेटली से चल रहे मानहानि मामले से दिल्ली सरकार का कोई लेनादेना नहीं है। इससे दिल्ली के प्रशासन का कोई सरोकार नहीं है।