विकसित भारत की संकल्प यात्रा का दिशा-निर्देशक है केंद्रीय बजट : मंत्री ओपी चौधरी

विकसित भारत की संकल्प यात्रा का दिशा-निर्देशक है केंद्रीय बजट : मंत्री ओपी चौधरी
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

रायपुर :छत्तीसगढ़ के वित्त, वाणिज्यिक कर, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने अपने कोरबा प्रवास के दौरान प्रेस क्लब कोरबा में केंद्र सरकार के आम बजट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरबा जिला उनके प्रशासनिक जीवन की नर्सरी रही है। यहां उन्होंने अपने प्रशासनिक जीवन की शुरुआत की है। यहां आना उनके लिए हमेशा यादगार रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट अमृतकाल के विजन का नींव है। यह बजट विकसित भारत की संकल्प यात्रा का दिशा-निर्देशक बजट है, जो समृद्ध और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ विकसित भारत के संकल्प को नई मजबूती प्रदान करेगा। यह बजट देश की आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देगा एवं प्रगति की नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने में सहायक होगा।

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि अमृत काल के विजन पर फाउंडेशन रखने का कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। प्रधानमंत्री के लांग टर्म विजनरी सोच के साथ बजट लाया गया है। जिससे 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होगा। पिछले 10 वर्षाे में देश की अर्थव्यवस्था विश्व में 11वें नंबर से 5वें स्थान पर आ गई है। आने वाले 5 साल में भारत की अर्थव्यवस्था को तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है।

मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि केंद्रीय बजट में विकास का मुख्य बिंदु GYAN है। यह बजट गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी शक्ति को समर्पित है। वित्त मंत्री ने कहा, “बजट में गरीब कल्याण, किसान का उत्थान, मातृशक्ति का सम्मान और नौजवानों की मुस्कान समाहित है। बजट में मातृशक्ति का दर्शन, राम राज्य का विजन, विकसित भारत का संकल्प एवं आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य समाहित है। देश के इन वर्गों को विकसित बनाने से ही राष्ट्र का विकास होगा। इस के अतिरिक्त बजट में शिक्षा, रोजगार, कौशल, एमएसएमई, मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान दिया गया है। वैज्ञानिक शोध और अनुसंधान की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अलग प्रावधान रखा गया है।

मंत्री श्री चौधरी बजट में ईपीएफओ के प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि औपचारिक क्षेत्रों में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को लक्षित करती है, जिसके तहत उन्हें ईपीएफओ पंजीकरण के माध्यम से तीन किस्तों में वितरित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के रूप में एक महीने का वेतन प्रदान किया जाता है। इसके तहत 15 हजार रुपये प्रति माह तक लाभ हो सकता है, जिसमें 1 लाख रुपये प्रति माह तक के वेतन पर पात्रता निर्धारित की गई है। इस पहल से लगभग 210 लाख युवाओं को लाभ मिलने का अनुमान है उन्होंने कहा कि रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन देकर विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को रोजगार के शुरुआती चार वर्षों के दौरान उनके ईपीएफओ अंशदान से सीधे संबंधित निर्दिष्ट प्रोत्साहन प्राप्त होंगे। अतिरिक्त रोजगार अवसरों को प्रोत्साहित करके सभी क्षेत्रों में नियोक्ताओं का समर्थन करना है। सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी की नियुक्ति के लिए नियोक्ताओं को उनके ईपीएफओ अंशदान के लिए दो साल तक 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति करेगी।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि बजट में महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल निर्माण किया जाएगा एवं शिशु गृह का निर्माण किया जाएगा। हब एंड स्कोप मॉडल के आधार पर राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर पर उद्योग की आवश्यकता के अनुसार 1000 आईटीआई का उन्नयन किया जाएगा। बजट में देश के 1 करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप का प्रावधान रखा गया है। 500 बड़े चिन्हाकित उद्योग में प्रशिक्षण दिया जाएगा और युवाओं को 5000 इंटर्नशिप भत्ता भी प्रदान किया जाएगा। कौशल विकास को बढ़ावा देते हुए बजट में युवाओं के लिए साढ़े 7 लाख तक ऋण का प्रावधान एवं उच्च शिक्षा में 10 लाख तक लोन का प्रावधान है।

साथ ही 3 प्रतिशत तक ब्याज में सब्सिडी प्रदान किया जाएगा। बजट में आवास के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा 10 साल में 4 करोड़ आवास बनाने का काम किया गया है एवं आने वाले 5 साल में देश मे 3 करोड़ नए आवास बनने का काम किया जाएगा इससे पिछड़े परिवारों को छत मिलेगा एवं अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रो में प्रधानमंत्री आवास शहरी के तहत 10 लाख करोड़ रुपए निवेश कर 1 करोड़ शहरी आवास बनने का लक्ष्य रखा गया है। बजट में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए विशेष प्रावधान है।

आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार-

वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि बजट में छोटे व्यापारियों एमएसएमई को प्रगति का नया रास्ता मिलेगा, बजट में मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर वृहद स्तर पर ध्यान रखा गया है। इससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। देश में 100 औद्योगिक पार्क स्थापित किये जायेंगे। क्रिटिकल मिनिरल मिशन की शुरुवात की जाएगी। ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना शुरुआत की गई है।

पूंजीगत व्यय अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है-

अधोसरंचना पर व्यय आधारभूत सरंचना होती है। बजट में 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ आधार बहुत सरंचना पर खर्च करने का प्रावधान है। साथ ही नवाचार अनुसंधान एवं विकास हेतु 1 लाख करोड़ का प्रावधान है। आयकर स्लैब में भी बदलाव किया गया है। जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि बजट में किसान, मध्यम वर्ग, महिला से लेकर सभी वर्गों के लिए जो रूपरेखा रखी है, वह भारतीय अर्थव्यवस्था को सही रास्ते और उज्ज्वल भविष्य की ओर आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बजट एलोकेशन लगातर बढ़ता जा रहा है। 2047 तक विकसित भारत बनने हेतु रोडमैप तैयार कर कार्य किया जा रहा है।

इसी प्रकार राज्य में भी मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार द्वारा विकसित छत्तीसगढ़ बनाने हेतु सतत कार्य किया जा रहा है। राज्य की जीडीपी को आने वाले 5 सालों में दौगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे छत्तीसगढ़ विकास की एक नई ऊंचाई पर पहुँचेगा।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.