भोरमदेव का अतीत वैभवशाली: मुख्यमंत्री डॉ. सिंह
रायपुर:प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि भोरमदेव का अतीत अत्यंत गौरवशाली एवं वैभवशाली रहा है। एक हजार वर्ष पहले यहां की सभ्यता, संस्कृति और वैभवशाली विरासत कितनी विशाल होगी, कितनी अलौकिक होगी और कितने बड़े क्षेत्र में होगी, इसकी कल्पना यहां के सुंदर भव्य और विशाल मंदिर की स्थापत्य कला से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हजार वर्ष पहले जब यहां दुर्गम क्षेत्र था, तब ऐसी परिस्थितियांे में इस प्रकार की सभ्यता एवं स्थापत्य कला का मंदिर स्थापित हुआ, जो हम सब के लिए गौरवपूर्ण है। भोरमदेव का अतीत अत्यंत गौरवशाली एवं वैभवशाली रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह आज यहां कबीरधाम जिले में भोरमदेव मंदिर प्रागंण में आयोजित भोरमदेव महोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने भोरमदेव महोत्सव के सफल आयोजन पर भोरमदेव प्रबंधकारिणी समिति एवं जिला प्रशासन के साथ-साथ इससे जुड़े सभी लोगों एवं नागरिकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि भोरमदेव की पहचान छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश और दुनिया में बनी है तथा पर्यटन की दृष्टि से इसका महत्व बढ़ा है। उन्होंने 30-40 साल पहले की परिस्थितियांे का स्मरण करते हुए कहा कि यहां पैदल और साइकिल से आने में दिक्कत होती थी, लेकिन भोलेनाथ की कृपा से यहां आवागमन के साधनों के साथ-साथ अन्य सुविधाएं बढ़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक जागृत शक्तिपीठ है, जहां सैकड़ों सालों से लोग अपनी कामनाएं लेकर आते है और उनकी कामनाएं पूरी होती है। उन्होंने शासन की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कबीरधाम जिले के साथ-साथ राज्य में सड़क निर्माण, पुल-पुलिया निर्माण के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक काम हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में हितग्राहीमूलक योजनाओं का भी बड़े पैमाने पर संचालन हो रहा है और इसके अंतर्गत प्रदेश में 35 लाख लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 11 लाख लोगों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही 50 हजार सोलर पंप की स्थापना का लक्ष्य भी रखा गया है, जहां पहले प्रदेश में केवल 60 हजार सिंचाई पंप थे, वहां आज 4 लाख 45 हजार पंप हो गये है। उन्होंने कहा कि मानवीय जीवन के सर्वांगीण विकास एवं स्थायी रोजगार एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए भी कार्य किये जा रहे है और इसका सबसे अच्छा उदाहरण कबीरधाम जिले में शक्कर के दो-दो कारखाना स्थापना है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विकास की विभिन्न उंचाईयों को स्पर्श किया जा रहा है और इसके कारण छत्तीसगढ़ देश में एक मॉडल के रूप में उभरा है। देश के कई राज्य यहां की विभिन्न व्यवस्थाओं को अपना रहे हैं। उन्होंने इस बात का विशेष उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ राज्य की पीडीएस प्रणाली के अध्ययन के लिए उत्तर प्रदेश की नवनिर्वाचित सरकार के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण यहां आने वाले है। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने भोरमदेव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि एवं निरंतर प्रगति की कामना की।
इस अवसर पर विधायक अशोक साहू ने कहा कि भोरमदेव महोत्सव का निरंतर विस्तार हुआ है। राज्य सरकार द्वारा गांव, गरीब और किसानों की निरंतर चिंता की जा रही है और इसके लिए प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह के मार्गदर्शन में सड़क, पुल-पुलिया निर्माण के साथ हितग्राहीमूलक योजनाओं का विस्तार किया जा रहा है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री धनंजय देवांगन ने अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि भोरमदेव की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के कलाकारों को अपनी प्रतिभा उजागर करने का एक अच्छा अवसर एवं मंच उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि वे अपने प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर सकें। यहां भोरमदेव महोत्सव में कलाकारों द्वारा आकर्षक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री मोतीराम चंद्रवंशी, समाजसेवी श्री आनंद सिंह ठाकुर, विधायक श्री अशोक साहू, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. सियाराम साहू, श्री राम कुमार भट्ट, श्री विजय कुमार भट्ट, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री संतोष पटेल विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का मंच संचालन श्री अवधेशनंदन श्रीवास्तव एवं श्री आदित्य श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्री बिसेसर पटेल, श्री रघुराज सिंह, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्रीमती सीमा अगम अनंत, जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा के अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा दिनेश पांडेय, बोड़ला जनपद पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती शांति धुर्वे, बोड़ला नगर पंचायत अध्यक्ष डॉ. रूपनाथ मानिकपुरी, श्री जसविंदर सिंह बग्गा, श्री शिव अग्रवाल, जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।