योगी सरकार के फैसले के खिलाफ मीट कारोबारियों की हड़ताल

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लखनऊः यूपी में सोमवार से मीट कारोबारियों की प्रदेशव्यापी ह़ड़ताल शुरू हो रही है। यूपी में बूचड़खानों के खिलाफ चल रही ताबड़तोड़ कार्रवाई के खिलाफ मीट व्यापारियों ने पूरे प्रदेश में हड़ताल का फैसला किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार के अवैध बूचड़खानों को बंद करने के फैसले के बाद जिलों में प्रशासन सक्रिय हो गया है और बूचड़खानों पर तेज एक्शन लिया जा रहा है। यही नहीं राज्य में सड़क किनारे दुकान खोलकर मीट बेचने पर भी रोक लग गई है। इस कारण बूचड़खानों के बाद अब मीट की दुकानों पर भी कार्रवाई हो रही है। इस एक्शन के चलते मीट की कमी हो गई है और मीट की अधिकांश दुकानें बंद होने की स्थिति में आ गई हैं। इसी कारण अब मांस व्यापारियों के संगठन ने राज्य भर में हड़ताल करके सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है।

डीजीपी का निद्रेश, खुले में न बिके मीट

यूपी के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने निर्देश दिया है कि सड़क के किनारे खुले में मटन या चिकन की बिक्री न हो। डीजीपी ने कहा है कि जिनके पास इस कारोबार का लाइसेंस है, वे भी खुले में दुकान लगाने से परहेज करें। वह दुकानों के बाहर मीट रखने के बजाए अंदर की ओर उसे ढंक कर रखें। अभी सड़क किनारे लगी मीट की दुकानों के बाहर कटा हुआ मांस टंगा रहता है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ पुलिस भी सक्रिय होकर मीट के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।

लाइसेंसधारियों पर भी हो रही है कार्रवाई

व्यापारियों की आरोप है कि जहां पर मीट व्यापार का लाइसेंस भी है, वहां भी एक्शन होने से परेशानी हो रही है। लखनऊ की कैसरबाग कसाई मंडी के एक व्यापारी ने बताया कि वह बरसों से यह धंधा कर रहे हैं। य़ह उनका पुश्तैनी रोजगार है। नगर निगम भी इस मंडी में मीट की दुकानों से टैक्स की पर्ची काटता रहा है। अब इसे अवैध बताया जा रहा है। यह हमारी रोजी-रोटी है।

पूरे प्रदेश में मटन, चिकन व मछली की कमी

बूचड़खानों व मीट की दुकानों पर एक्शन से पूरे प्रदेश में यकायक मीट की कमी हो गई है। मटन, चिकन और फिश सभी की कमी बताई जा रही है। इसका असर चिड़ियाघऱ में बंद मांसाहारी जानवरों पर भी पड़ने की खबरें आई थीं। लखनऊ के प्रसिद्ध टुंडे के कबाब ने भी एक दिन दुकान बंद रखी थी और चर्चा थी कि ऐसा मीट की कमी होने की वजह से किया गया था।

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