भाजपा छत्तीसगढ़ को महतारी भी आज भूपेश बघेल के कारण कह रही है
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पंद्रह साल छत्तीसगढ़ को चारागाह समझने वाली भाजपा अगर छत्तीसगढ़ को महतारी कह रही है तो वह भी भूपेश बघेल की देन है। पंद्रह साल के रमन राज में छत्तीसगढ़ एक बीमारू राज्य और यहां की जनता बदहाल हो चुकी थी जिसे बदलने का काम भूपेश बघेल ने किया। भूपेश बघेल ने शुद्ध मन से छत्तीसगढ़ की जनता के आर्थिक प्रगति और छत्तीसगढ़ को पूरे देश में एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए काम किया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि रमनराज में न छत्तीसगढ़ नारियों का सम्मान किया गया और ना छत्तीसगढ़ की महतारियों का। एक समय था जब बेशर्म रमन सरकार द्वारा बस्तर की युवतियों को बार में शराब परोसन वेट्रेस बनाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना लाई गई थी। मड़कम हिडमें जैसी असंख्य आदिवासी महिलाओं का बलात्कार व फर्जी एनकाउंटर नक्सली बताकर कर दिया गया। थोड़े से कमीशन के लिए गर्भाशय काण्ड में कई गरीब महिलाओं की जान ले ली गयी। मगर आज भूपेश सरकार द्वारा लाई गई नवाचारी योजनाओं, महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं बेहतर आय प्राप्त कर सम्मान पूर्वक जीवन भी जी रही हैं और अपने परिवार को आर्थिक संबल भी प्रदान कर रही हैं। डेनेक्स देश की एकमात्र ऐसी गारमेंट फैक्ट्री है जिसका संपूर्ण संचालन बस्तर व दंतेवाड़ा की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की जनता ने देखा है की पंद्रह साल के रमनराज के ध्वस्त होने के बाद पांच साल के सर्वहितैषी भूपेश सरकार में उनके जीवन में किस प्रकार आर्थिक उन्नति और खुशहाली आई है। ऐसी सरकार का साथ छोड़कर छत्तीसगढ़ की समझदार जनता कमीशनखोरी, दमन, निकम्मेपन की पर्याय साबित हो चुकी भाजपा सरकार को कभी नहीं चुनेगी।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि ने कहा कि रमनराज में चिटफंड कंपनियों ने भाजपा नेताओं और भाजपा सरकार के संरक्षण में छत्तीसगढ़ की जनता से हजारों करोड रुपए लूट लिए। भाजपा सरकार में लुटेरी चिटफंड कंपनियों के स्टॉल सरकारी रोजगार मेलों में लगाए जाते थे और साथ ही इन चिटफंड कंपनियों के दफ्तरों का उद्घाटन खुलेआम पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, उनके सुपुत्र अभिषेक सिंह, उनकी पत्नी वीणा सिंह सहित भाजपा सरकार के मंत्री किया करते थे। इस संरक्षण और प्रोत्साहन के बदले भाजपा नेताओं को क्या और कितना मिला यह उन्हें बताना चाहिए। आज इन कंपनियों पर लगातार कार्यवाहियां की जा रही है और साथ ही इनकी संपत्तियों की कुर्की और नीलामी कर पीड़ित पक्षों को पैसा वापस किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि रमन सरकार की किसानशोषी नीतियों के कारण भूपेश सरकार आने से पहले तक कृषि एक अलाभकारी कार्य या जुआ माना जाता था, लोग कृषि से बेहतर बाहरी राज्यों में मजदूरी करना पसंद करते थे। कर्ज के बोझ के कारण पंद्रह साल में पंद्रह हज़ार से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली। भूपेश सरकार आने के बाद कृषि हितैषी नीतियों के कारण कृषि एक लाभकारी कार्य बन गया जिसके कारण किसानों की संख्या व कृषि के रकबे में भी बढ़ोतरी हुई। रमन राज में जहां पंजीकृत किसानों की संख्या 12 लाख वही आज भूपेश सरकार में किसानों की संख्या 26 लाख हो गई है। पहले कृषि का रकबा 26 लाख हेक्टेयर था आज वह बढ़कर 34 लाख हेक्टेयर हो चुका है। आज भाजपा और सत्ता के बीच सबसे बड़ा दीवार किसान है।