मैथिली को द्वितीय राजभाषा का दरजा देने की उठी मांग

मैथिली को द्वितीय राजभाषा का दरजा देने की उठी मांग
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रांची: विद्यापति एक ऐसा नाम है जो विद्वान  व मधुर भाषी थे़  मैथिली मधुर भाषा है़   मैथिली बोलने वाले नरम दिल से काम करते हैं और कराते है़ं  उक्त बातें डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कही. वे शुक्रवार को झारखंड मैथिली मंच द्वारा आयोजित दो दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मैथिली को द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिलना चाहिए़.
इससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने समारोह का उदघाटन किया. मैथिली मंच के अध्यक्ष रामाकांत मिश्र ने कहा कि झारखंड में तीस लाख मैथिल भाषी है़ं   इस कारण मैथिली को द्वितीय राजभाषा  का दर्जा मिलना चाहिए, लेकिन अभी तक राज्य सरकार मामला को लटकाये हुए है़ जैप डीआइजी सुधीर कुुमार झा ने कहा कि लोगों को अपनी संस्कृति को बचाये रखना चाहिए. अपने बच्चों को अपनी परंपरा से अवगत कराना चाहिए़   समारोह के दौरान महासचिव जयंत झा ने मंच की गतिविधि पर प्रकाश डाला. मंच संचालन भारतेंदु झा ने किया.
सुष्मिता पाठक को मिला विदेह पुरस्कार : समारोह में सुष्मिता पाठक को पुस्तक राग विराग के लिए विदेह पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें 25 हजार रुपये नकद, प्रशस्तिपत्र व विद्यापति जी की तसवीर दी गयी. कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने स्मारिका का विमोचन भी किया.
कलाकारों ने समां बांधा 
उदघाटन समारोह के बाद मैथिली गायकों ने एक से बढ़ कर एक गीत प्रस्तुत कर लोगों की खूब वाहवाही लूटी. प्रसिद्ध कलाकार कुंज बिहारी मिश्र ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत की. उन्होंने अछि वास हमर मिथिला नगरी, हम गीत ओतय के गाबइ छी…, के पतिया लय जायत रे, मोरा प्रियतम वास…, प्रगटल सुंदर ललनवा हो रामा,  कौशल्या अंगनवा… प्रस्तुत किया. मैथिली  लोक गायिका पूनम मिश्रा ने मोरा रे अंगनवा, चानन केर गछिया…, घूम आऊ बंबई शहरिया, आ घूमी आऊ आसाम, स्वर्ण से सुंदर यौ भैया अपन मिथिला धाम…., जहिया सं गेलखिन सजना नींद उड़ी गेल…. प्रस्तुत किया.
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