मंत्री मंजूर कर सकेंगे 15 करोड़ रुपये तक की योजना : नीतीश कैबिनेट
पटना : बिहार में अब साल में केवल जून महीने में राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों का तबादला होगा. इससे नयी नियुक्ति को अलग रखा गया है, जिसमें कभी भी पदस्थापना की जा सकेगी. बुधवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. इसके अलावा कैबिनेट ने योजनाओं की राशि स्वीकृति की सीमा बढ़ा दी है. अब 30 करोड़ से ज्यादा की योजना की स्वीकृति कैबिनेट से लेनी जरूरी होगी. पहले 20 करोड़ से ज्यादा की योजना की मंजूरी कैबिनेट से लेनी पड़ती थी.
वहीं, विभाग के सचिव 2.50 करोड़ की जगह पांच करोड़ तक, विभागीय मंत्री 2.50 से 10 करोड़ तक की जगह 15 करोड़ तक और विभागीय मंत्रियों के अनुमोदन के बाद वित्त मंत्री किसी योजना के लिए 10 से 20 करोड़ की जगह 15 से 30 करोड़ तक की राशि मंजूर कर सकेंगे. वहीं, नये नगर निकायों की खाली पड़ी जमीन पर पांच सालों तक कोई टैक्स नहीं लगेगा. अगर इस दौरान उस जमीन पर मकान बनाया जाता है, तो टैक्स का भुगतान करना होगा. इस पर भी कैबिनेट ने अपनी सहमति दी.
कैबिनेट की बैठक में बिहार पंचायत सेवा नियमावली के नियम और भरती उम्र सीमा में भी संशोधन को मंजूरी दी गयी. पंचायत सचिव से पंचायत पर्यवेक्षक और पंचायत पर्यवेक्षक से जिला पंचायती राज पदाधिकारी में प्रोन्नति दी जायेगी. इसमें पहले उम्र सीमा 50 साल थी, जिसे बढ़ा कर 55 साल कर दिया गया है. इसके अलावा महनार नगर पंचायत को नगर पर्षद का दर्जा देने के प्रस्ताव पर मुहर लगायी गयी. राज्य के सभी 61 जिला व अनुमंडल न्यायालयों में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे. इसके लिए 72.38 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं.
बनौरी बिजलीघर परियोजना के विस्तार व कोयला आपूर्ति के लिए 305.75 करोड़ और इसके क्रियान्वयन के लिए 60 करोड़ मंजूर किये गये हैं. वहीं, नॉर्थ बिहार और साउथ बिहार बिजली कंपनियों को बिहार अाकस्मिकता निधि से 500 करोड़ के अलावा 1386 करोड़ की मंजूरी गयी है.
इसके अलावा अपराध अनुसंधान के लिए अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी का एक और सहायक अभियोजन पदाधिकारी का एक पद सृजन किया गया है. डीजीपी कार्यालय में बिहार सचिवालय सेवा के अवर सचिव के समकक्ष सहायक निदेशक (स्थापना) का एक, सहायक निदेशक (बजट सह लेखा) का एक पद भी सृजित किया गया है. जल संसाधन विभाग के अधीन मुख्य अभियंता (यांत्रिक) के पद पर संविदा पर नियोजन के लिए उम्र सीमा 65 साल से बढ़ा कर 67 की गयी. मधुबनी के तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार दास को बरखास्त कर दिया गया है.