पिस्का मोड़ में कार्तिक उरांव का शिलापट्ट व सरना झंडा हटाने के बाद हंगामा

पिस्का मोड़ में कार्तिक उरांव का शिलापट्ट व सरना झंडा हटाने के बाद हंगामा
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रांची : प्रशासन की ओर से पिस्का मोड़ पर लगे कार्तिक उरांव का शिलापट्ट और सरना झंडा हटाये जाने के बाद मंगलवार शाम को जबरदस्त हंगामा हुआ. शाम  साढ़े सात बजे 12 गांव के करीब 500 लोग हरवे  हथियार से लैस होकर पिस्का मोड़ पहुंचे. पिस्का मोड़ पर टायर जला कर सड़क जाम कर दी. इससे रातू और इटकी की ओर जानेवाली दोनों सड़कों पर आवागमन ठप हो गया.
रातू रोड में भी वाहनों की लंबी कतार लग गयी. घटना की सूचना मिलने पर पीसीआर- 28 में तैनात  पुलिस पदाधिकारी और जवान वहां पहुंचे. लोगों को समझा- बुझा कर शांत कराने  का प्रयास किया. लेकिन आक्रोशित लोग पुलिस से भी उलझ गये. पीसीआर वैन में  तोड़फोड़ की. मोड़ पर स्थित पिकेट को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. आक्रोशित लोगों ने कुछ दुकानों में भी तोड़फोड़ की. कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया.
लोगों को शांत नहीं होता देख पुलिस ने लाठी चार्ज किया. इसके बाद लोग और आक्रोशित हो गये. पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इससे कई पुलिसकर्मियों को चोटें आयीं. सूचना मिलने के बाद पूर्व मंत्री बंधु तिर्की व गीताश्री उरांव और अरुण उरांव पिस्का मोड़ पहुंचे. देर रात तक पूर्व मंत्री बंधु तिर्की व गीताश्री उरांव और अरुण उरांव पिस्का मोड़ पर ही धरने पर बैठे रहे. पुलिस ने इलाके को घेर रखा था.
आक्रोशित लोगों का कहना था कि शिलापट्ट और सरना  झंडा हेहल सीओ अनिल कुमार के नेतृत्व में जेसीबी मशीन लगा कर हटाया गया था. कार्तिक उरांव का  शिलापट्ट और सरना झंडा हटा कर प्रशासन से गलत काम किया है. जिला प्रशासन  के इस तरह की कार्रवाई से समाज के लोगों को आघात पहुंचा है.
ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा, सिटी एसपी किशोर  कौशल, एसडीओ ने बंधु तिर्की और आदिवासी संगठन के नेताओं को समाहरणालय में वार्ता के लिए बुधवार को बुलाया. पर लोग शिलापट्ट वापस लगाने की मांग पर डटे रहे. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पिस्का मोड़ पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया. कई थाने के प्रभारी भी मौके पर पहुंच गये.
तोड़फोड़ के बाद बंद हुई दुकानें 
 हंगामा कर रहे कुछ लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ भी की. इसके  बाद इलाके की सारी दुकानों बंद हो गयी. गलेक्सिया मॉल , इटकी रोड के बजरा, पंडरा जानेवाले  रोड लक्ष्मीनगर की दुकानें तत्काल बंद हाे गयी.
धरने पर बैठे बंधु, गीता और अरुण
हंगामे के दौरान पिस्का मोड़ पर तीनों ओर से वाहनों की लंबी कतारें लग गयी थी. पुलिस ने लाठी चार्ज कर भीड़ काे हटाया और कुछ देर के लिए तीनों सड़क से वाहनों का परिचालन सामान्य कराया. पर देर रात पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, गीताश्री उरांव और अरुण उरांव समर्थकों के साथ मोड़ पर ही धरने पर बैठ गये. लोगों को संबोिधत िकया. इसके बाद फिर से तीनों सड़कें जाम हो गयीं. धरने पर बैठे लोग शिलापट्ट वापस लगाने, पंडरा ओपी प्रभारी को हटाने की मांग कर रहे थे. रात करीब 12.30 बजे लोगों ने धरना समाप्त िकया.
विवाद का मुख्य कारण
विवाद का  मुख्य कारण पिस्का मोड़ के नामांकरण को लेकर है. पिस्का मोड़ का नाम पहले  राजेंद्र प्रसाद चौक था. बाद में जिला प्रशासन ने इसका नाम  डॉ श्यामा  प्रसाद मुखर्जी चौक किया. इसका नोटिस भी जारी कर दिया.  इस बीच रविवार को  आदिवासी समाज के लोगों ने पत्थलगड़ी कर पिस्का मोड़ का नाम कार्तिक उरांव चौक रख दिया. इससे संबंधित शिलापट्ट भी लगा दिया. वहां सरना झंडा भी लगा दिया. इस दौरान बंधु तिर्की भी मौजूद थे.  दुर्घटना व अन्य कारण बता कर मंगलवार शाम  को जिला प्रशासन ने जेसीबी लगा कर शिलापट्ट व सरना झंडा हटा दिया.
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