Explained: देश में कितनी तरह की सिक्योरिटी कैटेगरी, कुमार विश्वास को मिली Y श्रेणी का क्या है मतलब?
किसे मिलती है सुरक्षा? देश में सुरक्षा उन खास लोगों को दी जाती है जिनकी जान को जोखिम होता है। खतरे का स्तर जिस तरह का होता है, उसी तरह की सुरक्षा प्रदान की जाती है। खतरे को देखते हुए सुरक्षा श्रेणी को मुख्य रूप से 6 कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें एसपीजी, जेड+ (उच्चतम लेवल), जेड, वाई+, वाई और एक्स कैटेगरी शामिल हैं। यह सिक्योरिटी कवर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, भारतीय सशस्त्र बलों के प्रमुखों, राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, अभिनेता और अन्य वीआईपी को मिलती है।
एसपीजी कैटेगरी एसपीजी एक विशिष्ट बल है। यह सुरक्षा कवर सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री को मिलता है। वित्त वर्ष 2020-21 में इसके लिए 592 करोड़ का बजट था। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) भारत सरकार की एक एजेंसी है जिसकी एकमात्र जिम्मेदारी भारत के प्रधानमंत्री की रक्षा करना है। इसका गठन 1988 में भारत की संसद के एक अधिनियम से किया गया था। एसपीजी हर समय भारत और विदेश में प्रधानमंत्री की सुरक्षा करता है। साथ ही उनके आधिकारिक निवास पर उनके साथ रहने वाले पीएम के परिवार के सदस्यों को भी यह कवर मिलता है। हालांकि, परिवार के सदस्य सुरक्षा लेने से इनकार कर सकते हैं।
Z+ कैटेगरी
Z+ सुरक्षा कैटेगरी में 55 कर्मी रहते है। इनमें 10+ NSG कमांडो और पुलिस कर्मी शामिल हैं। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अमित शाह, उमा भारती, राजनाथ सिंह, उद्धव ठाकरे, योगी आदित्यनाथ, मुकेश अंबानी और कई अन्य लोगों को यह सुरक्षा मिली हुई है। इसका मासिक खर्च करीब 20 लाख रुपये आता है।
Z कैटेगरी
सुरक्षा की इस श्रेणी में 4-6 NSG कमांडो और पुलिस कर्मियों समेत 22 जवानों की सिक्योरिटी होती है। इसका मासिक खर्च करीब 16 लाख रुपये का होता है।
Y+ कैटेगरी
Y+ सुरक्षा श्रेणी 2-4 कमांडो और पुलिस कर्मियों सहित 11 कर्मियों की होती है। इसका मासिक खर्च करीब 15 लाख रुपये आता है।
Y कैटेगरी
Y कैटेगरी सेफ्टी 1-2 कमांडो और पुलिस कर्मियों सहित 8 कर्मियों की होती है। इसका मासिक खर्च करीब 12 लाख रुपये आता है।
X कैटेगरी
इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं होता है। यह 2 कर्मियों की सुरक्षा होती है। सुरक्षा में सिर्फ सशस्त्र पुलिस कर्मी होते हैं।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स