दुश्मन से निपटने के लिए कितनी तैयार है इंडियन नेवी? राष्ट्रपति करेंगे समीक्षा
हर राष्ट्रपति के कार्यकाल में एक बार इंडियन नेवी का फ्लीट रिव्यू होता है। इसमें सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति को दिखाया जाता है कि इंडियन नेवी की क्या क्षमता है, नेवी के शिप देश की समुद्री सीमा की रक्षा के लिए कितना तैयार हैं। इस बार ‘फ्लीट रिव्यू’ की खास बात ये है इसमें जो शिप हिस्सा लेंगे उसमें ज्यादातर स्वदेशी हैं। इसके जरिए रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ते कदम की भी झलक मिलेगी। नेवी के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक इस बार फ्लीट रिव्यू में 60 से ज्यादा शिप हिस्सा लेंगे। इसमें कोस्ट गार्ड के शिप, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का भी शिप है। 45 से ज्यादा शिप स्वदेशी होंगे। प्रेजिडेंट यॉर्ड यानी वह शिप जिसमें बैठकर राष्ट्रपति रिव्यू करेंगे, वह भी स्वदेशी रहेगा।
फ्लीट में इंडियन नेवी के हर क्लास के शिप रहेंगे। हाल ही में इंडियन नेवी में शामिल हुआ सबसे बड़ा डिस्ट्रॉयर ‘विशाखापट्टनम’ भी इसका हिस्सा होगा। इसे नेवी ने ही डिजाइन किया है और मझगांव डॉकयार्ड में बनाया गया है। विशाखापट्टनम प्रोजेक्ट 15बी का पहला वॉरशिप है। इस प्रोजेक्ट के तहत कुल चार स्वदेशी वॉरशिप बनने हैं। इस वॉरशिप में 75 पर्सेंट कंपोनेंट स्वदेशी हैं। विशाखापट्टनम गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। यह भारत में बना सबसे प्रबल वॉरशिप में से एक है। यह दुश्मन के रडार की नजर से बचकर ऑपरेट कर सकता है। इसमें सर्फेस टू सर्फेस मिसाइल और सर्फेस टू एयर मिसाइल लगी हैं। यह सबमरीन से भी निपटने में सक्षम है।
जहां गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्रपति एक जगह पर खड़े रहकर सलामी लेते हैं, वहीं फ्लीट रिव्यू में सभी शिप एक फॉर्मेशन में एंकर्ड रहते हैं यानी स्थिर रहते हैं। राष्ट्रपति का शिप मूव करते हुए इनके पास से गुजरता है और राष्ट्रपति फ्लीट का मुआयना करते हैं। इस बार फ्लीट रिव्यू की थीम आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़ी हुई है।
60 से ज्यादा शिप के अलावा 50 से ज्यादा एयरक्राफ्ट भी होंगे जो रिव्यू के दौरान फ्लाई पास्ट करेंगे। इसमें चेतक से लेकर एएलएच, कामोव, सी किंग, डॉनियर, मिग-29के से लेकर पी-8आई तक शामिल रहेगा। पी-8-आई टोही विमान है जो गहरे पानी में दुश्मन की सबमरीन को ढूंढ़कर इसे नष्ट कर सकता है।
चीन के साथ तनातनी के बीच भारत ने हिंद महासागर में निगरानी के लिए पी-8-आई तैनात किए थे। पी-8-आई विमान का रेंज ऑफ ऑपरेशन 3000 किलोमीटर तक है। यानी यह 3000 किलोमीटर दूर तक जाकर अपना मिशन पूरा कर वापस आ सकता है। यह 11 से 14 घंटों तक लगातार उड़ान भर सकता है। यह टोही विमान एंटी सबमरीन और एंटी शिप है। यानी दुश्मन की सबमरीन और शिप का पता लगाकर उसे नष्ट कर सकता है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स