डिजिटल करेंसी से दवा खरीदी जा सकती है दारू नहीं! जानिए इसे कैसे कंट्रोल कर सकती है सरकार
चीन में विंटर ओलंपिक (Winter Olympic) हो रहे हैं और वहां दुनियाभर के खिलाड़ियों का जमावड़ा लगा है। चीन सरकार इस मौके का फायदा उठाते हुए डिजिटल युआन उतारने की तैयारी में है। लोग अपने स्मार्टफोन पर एक ऐप के जरिए इसे एक्सेस कर सकते हैं। लेकिन, यह ऐप दूसरे पेमेंट एप्स (Payment Apps) से अलग होगा। देश के कई शहरों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहले ही उतारा जा चुका है। पिछले साल की दूसरी छमाही में आठ अरब डॉलर से अधिक ट्रांजैक्शंस में इसका इस्तेमाल किया गया था।
चीन की डिजिटल करेंसी
डिजिटल युआन से सरकार को लोगों के वित्तीय लेनदेन (Financial Transections) पर नजर रखने की ज्यादा सुविधा मिल जाएगी। चीन के पास पहले से ही बेहतर मोबाइल पेमेंट्स सिस्टम है। इनमें WeChat Pay और Alipay की अहम भूमिका है। ये कंपनियां लोगों का प्राइवेट फाइनेंशियल डेटा कलेक्ट करती हैं। लेकिन डिजिटल युआन से सरकार के लिए इस डेटा तक पहुंचना और आसान हो जाएगा। चीन सरकार अब भी निजी कंपनियों से डेटा मांग सकती है। लेकिन डिजिटल युआन से उसकी इस डेटा तक सीधी पहुंच होगी।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को न केवल ट्रैक किया जा सकता है बल्कि उन्हें जरूरत के हिसाब से प्रोग्राम भी किया जा सकता है। मसलन किसी प्राकृतिक आपदा से बाद सरकार प्रभावितों को ऐसी डिजिटल मनी दे सकती है जिसका इस्तेमाल केवल खाना और दवाएं खरीदने के लिए हो सकता है, शराब खरीदने के लिए नहीं। यानी यह सरकार तय करेगी कि डिजिटल मनी पर किसका एक्सेस होगा।
क्रिप्टोकरेंसीज बनाम CBDC
अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि व्यवहार में CBDC कैसी होगी लेकिन इसमें निजता के अधिकार का हनन होने की भी आशंका है। चीन की CBDC को इस तरह डिजाइन किया गया है कि सरकार आसानी से इसका पता लगा सकती है। यह चीन में पेमेंट का मुख्य जरिया बन सकती है। दूसरे देश भी अपनी डिजिटल करेंसी निकालने की सोच रहे हैं। कुछ लोगों का तर्क है कि CBDC के आने से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टकरेंसीज की जरूरत खत्म हो जाएगी। लेकिन ऐसे भी लोग हैं जो कहते हैं कि डिसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरेंसीज की जरूरत और बढ़ जाएगी जो प्राइवेट होंगी और जिन पर सरकारों का कंट्रोल नहीं होगा।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स