'मोदी सरकार के दौरान एकजुट हुए पाक-चीन…' राहुल के दावे पर जयशंकर का पलटवार, बताया इतिहास
जयशंकर ने कहा कि जिन पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रपतियों को आना था, उन्होंने 27 जनवरी को एक डिजिटल शिखर सम्मेलन आयोजित किया। विदेश मंत्री ने ट्वीट किया कि लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि हमें गणतंत्र दिवस के लिए कोई विदेशी अतिथि नहीं मिला। भारत में रहने वाले जानते हैं कि हम कोरोना (महामारी) की लहर का सामना कर रहे हैं।
जयशंकर बोले- क्या राहुल गांधी भूल गए हैं?
उन्होंने लिखा कि जिन पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रपतियों को आना था। उन्होंने 27 जनवरी को एक डिजिटल शिखर सम्मेलन किया। क्या राहुल गांधी इसे भी भूल गए हैं? भारत ने कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन वे कोविड-19 स्थिति के कारण समारोह में शामिल नहीं हो सके थे। 27 जनवरी को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिजिटल शिखर सम्मेलन आयोजित किया था।
राहुल के आरोपों के जवाब में रखे ऐतिहासिक सबूत
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान और चीन को लेकर सरकार के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के आरोपों के लिए भी उनकी आचोलना की। जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगाया कि इस सरकार के कारण पाकिस्तान और चीन एकजुट हो गए हैं। कुछ ऐतिहासिक सबक इस प्रकार हैं: 1963 में, पाकिस्तान ने अवैध रूप से शक्सगाम घाटी को चीन को सौंप दिया ; चीन ने 1970 के दशक में पीओके के रास्ते से काराकोरम राजमार्ग का निर्माण किया।
विदेश मंत्री ने राहुल से पूछा सवाल
विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच 1970 के दशक से घनिष्ठ परमाणु सहयोग भी रहा है। उन्होंने कहा कि 2013 में, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा शुरू हुआ। तो, अपने आप से पूछें: क्या चीन और पाकिस्तान तब दूर थे?
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स