सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट टि्वन टावर के फ्लैट बायर्स को 28 फरवरी तक वापस मिल जाएंगे पैसे, सुप्रीम कोर्ट का आदेश
जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने इस मामले में कोर्ट सलाहकार गौरव अग्रवाल की ओर से रिफंड फॉर्मूले को पेश किया गया। इसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया। कोर्ट ने कहा कि सुपरटेक के प्रतिनिधि, कोर्ट सलाहकार और बॉयर्स मीटिंग करें और रिफंड के तरीके को अंतिम रूप दें कि किस तरह से रिफंड किया जाएगा। शीर्ष न्यायालय के आदेश के तहत 12 फीसदी इंट्रेस्ट के साथ पैसे रिफंड करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में कुछ फ्लैट बॉयर्स ने कंटेप्ट पेटिशन दाखिल कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बिल्डर उन्हें पैसे रिफंड नहीं कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान फ्लैट खरीदारों की ओर से वकील ने कोर्ट को बताया कि सुपरटेक कह रही है कि उन्हीं फ्लैट बॉयर्स को रिफंड किया जाएगा जिन्होंने कंटेप्ट पेटिशन दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सभी फ्लैट खरीददारों को रिफंड मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर सुपरटेक के वकील ने कोर्ट में कहा कि तमाम फ्लैट बॉयर्स को रिफंड दिया जाएगा।
मामले में सुपरटेक की हो चुकी है खिंचाई
सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को बिल्डर कंपनी सुपरटेक की खिंचाई करते हुए कहा था कि वह उसके आदेश का पालन नहीं कर रही है। कोर्ट ने सुपरटेक के वकील से कहा था कि कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और चेतावनी दी थी कि हम आपके डायरेक्टर्स को जेल भेजे देंगे।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि फ्लैट बायर्स के रुपये काट कर वापस किए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर कंपनी सुपरटेक से कहा था कि वह अपनी चीजो को ठीक करे। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को कोर्ट सलाहकार ने पैसे रिफंड के लिए एक फॉर्मूला पेश किया जिसे स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक से कहा कि वह 28 फरवरी तक बॉयर्स के रुपये रिफंड करे।
क्या है पूरा मामला?
31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा स्थित सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के 40 फ्लोर के टि्वन टावर (टी-16 और टी-17) को अवैध करार देते हुए गिराने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये टावर बिल्डिंग नियम का उल्लंघन कर बनाए गए हैं। कोर्ट ने कहा था कि टि्वन टावर में जो भी फ्लैट बायर्स हैं उन्हें 2 महीने के भीतर उनके पैसे रिफंड किए जाएं। साथ ही उस रकम का 12 फीसदी ब्याज का भी भुगतान किया जाए।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स