नीट पीजी काउंसलिंग 2021: सुप्रीम कोर्ट ने OBC, EWS कोटा मामले में फैसला रखा सुरक्षित, पढ़िए कोर्ट की पूरी सुनवाई
नीट पीजी में ओबीसी और ईब्ल्यूएस कैटेगरी में रिजर्वेशन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले जहां केद्र सरकार ने कहा कि काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दी जाए वहीं याचिकाकर्ताओं ने रिजर्वेशन कोटा का विरोध किया। याचिकाकर्ता ने ईब्ल्यूएस कैटगरी के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया का विरोध किया और कहा कि वैकल्पिक तौर पर 2.5 लाख की लिमिट तय की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो इस मामले में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन की ओर से भी अर्जी दाखिल कर पक्ष रखने की अनुमति मांगी गई। सुनवाई के दौरान ईडब्ल्यूएस के लिए केंद्र द्वारा 8 लाख रुपये का क्राइटेरिया तय करने का याचिकाकर्ता के वकील अरविंद दत्तार ने कहा कि आठ लाख रुपये की लिमिट तय करने का कोई आधार नहीं है। इस मामले में पांडेय कमीशन रिपोर्ट में आठ लाख रुपये का क्राइटेरिया तय करने के बारे में कोई स्ट़डी नहीं की गई। साथ ही एग्रीक्लचर लैंड के आधार पर जो लिमिट तय की गई है उसके लिए भी स्टडी नहं की गई। एग्रीकल्चर लैंड के आधार पर 5 एकड़ की लिमिट रखी गई है। साथ ही रेजिडेंशियल संपत्ति का क्राइटेरिया भी गलत है।
दत्तार ने दलील दी कि अलग-अलग राज्यों में इनकम का 8 लाख का एक समान क्राइटेरिया तय करने का कोई आधार नहीं दिखता है। पांच एकड़ जमीन का क्राइटेरिया एक समान रखना भी सही नहीं है। केरल में जनसंख्या घनत्व ज्यादा है लेकिन वहां पांच एकड़ जमीन का क्राइटेरिया सही नहीं है। आठ लाख रुपये का क्राइटेरिया तय किया जाना मनमाना है। अगर 2.5 लाख की लिमिट तय की जाती है तो उस आधार पर काउंसलिंग हो। फेडरेशन ऑफ रेजि़डेंट डॉक्टर्स असोसिएशन की ओर से एडवोकेट अर्चना पाठक दवे ने कहा कि 45 हजार डॉक्टर स्ट्राइक पर हैं। पिछले साल कोरोना के कारण पेपर में देरी हुई और काउसंलिंग में देरी हो रही है। कोरोना का तीसरा लहर आने वाला है। डॉक्टर की जरूरत है। इस दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि डॉक्टर ही नहीं लोगों की भी चिंता का विषय है।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि गेम के बीच में रूल्स नहीं बदला गया। गौरतलब है कि बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने दलील दी थी कि हम ईडब्ल्यूएस और ओबीसी रिजर्वेशन दोनों को ही नीट पीजी में ऑल इंडिया कोटा के लिए विरोध करते हैं। केंद्र सरकार ने गेम के बीच में नियम बदले हैं और वह नहीं हो सकता। केंद्र ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 27 फीसदी ओबीसी कोटा और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए रिजर्वेशन दिया जा रहा है। यह जनवरी 2019 से लागू है। यूपीएससी में भी रिजर्वेशन कोटा 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस और 27 फीसदी ओबीसी के लिए दिया जा रहा है।
इस मामले में जनरल कैटगरी को सीटों की हानि नहीं हुई है बल्कि सीटों की संख्या 25 फीसदी बढ़ा दी गई है। पीजी कोर्स में रिजर्वेशन के लिए कोई मनाही नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने कभी किसी जजमेंट में इसके लिए दूर दूर तक मना नहीं किया है। सॉलिसिटर जनरल ने 8 लाख रुपये का क्राइटेरिया ईडब्ल्यूएस कैटगरी के लिए उचित बताया। सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि आपने आठ लाख रुपये क्राइटेरिया तय किया है।
ओबीसी रिजर्वेशन में क्रीमिलेयर के लिए आठ लाख रुपये का क्राइटेरिया है आपने वही क्राइटेरिया अपनाया है ऐसा आप अपने पहले हलफनामा में कह चुके हैं। अगर इनकम टैक्स स्लैब को देखें तो 2.5 लाख तक की आमदनी पर टैक्स नहीं है। देखा जाए तो 5 लाख तक की आमदनी पर टैक्स छूट है। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यहां आठ लाख रुपये फैमिली इनकम की बात है। अगर एक परिवार के तीन लोगों की आमदनी 3-3 लाख है तो वह ईडब्ल्यूएस के लाभ में नहीं आएगा। क्योंकि आमदनी परिवार की 8 लाख से ज्यादा हो गई। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलील के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
केंद्र ने कहा कि नीट पीजी काउंसलिंग की इजाजत दी जाए
नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के कारण रेजिडेंट्स डॉक्टरों के प्रोटेस्ट के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने अर्जी दाखिल कर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने बुधवार को मामले की सुनवाई हुई थी। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि नीट पीजी काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दी जाए।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि ईडब्ल्यूएस क्राइटेरिया पर दोबारा विचार कर फैसला लेंगे और तब तक काउंसलिंग नहीं होगी। अब एक्सपर्ट कमिटी की उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया है जिसके तत ईडब्ल्यूएस के लिए तय मौजूदा क्राइटेरिया जारी रहेगा। रेजिडेंट्स डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे हैं उनकी चिंता भी जायज है हम अदालत से अनुरोध करते हैं कि नीट पीजी काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दें। हम मानते हैं कि 25 नवंबर को हमने कहा था कि काउंसिंल तब तक नहीं होगी जब तक दोबारा विचार कर फैसला नहीं लिया जाता है लेकिन जब बयान दिया था तब मौजूदा स्थिति के बारे में पता नहीं था।
क्या है केंद्र सरकार का फैसला
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी कर मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाले नीट परीक्षा में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को 27 फीसदी और आर्थिक तौर पर कमजोर स्टूडेंट को 10 फीसदी रिजर्वेश देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स