वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में भगदड़… इन घटनाओं से सबक लिया होता तो बच जाती 12 लोगों की जान
जम्मू कश्मीर में माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में नववर्ष के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 12 से ज्यादा घायल हो गए। जम्मू से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर त्रिकूटा पहाड़ी पर स्थित इस धाम पर इस तरह की यह पहली घटना है जहां पर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। भगदड़ बीती रात करीब ढाई बजे मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई। यहां पर कटरा आधार शिविर से करीब 13 किलोमीटर की दूरी तय कर श्रद्धालु जमा होते हैं। देश में पहले भी धार्मिक स्थलों में भगदड़ की घटना हो चुकी है। अगर उनसे सबक लिया जाता तो ऐसी घटना ना होती।
देश में कुछ बीते वर्षों के दौरान मंदिरों और अन्य हिंदू धार्मिक कार्यक्रमों में भगदड़ की घटनाओं में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है। देश में वर्ष 2000 के बाद घटी ऐसी प्रमुख घटनाएं इस प्रकार है।
27 अगस्त, 2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान मची भगदड़ में 39 लोग मारे गए थे और लगभग 140 अन्य घायल हो गए थे।
25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सतारा जिले के मंधारदेवी मंदिर में एक वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालुओं की कुचल कर मौत हो गई और सैकड़ों अन्य घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब श्रद्धालुओं द्वारा नारियल तोड़ने से सीढ़ियों पर फिसलन हो गई थी जिसमें कुछ लोग फिसलकर गिर गए।
3 अगस्त, 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के नैना देवी मंदिर में भूस्खलन की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 162 लोगों की मौत हो गई, 47 अन्य घायल हो गए।
30 सितंबर, 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाहों के कारण मची भगदड़ में लगभग 250 भक्तों की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए।
4 मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में मची भगदड़ में लगभग 63 लोगों की मौत हो गई थी। ये लोग वहां मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए एकत्रित हुए थे।
8 नवंबर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे हर-की-पौड़ी घाट पर मची भगदड़ में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई।
19 नवंबर, 2012: पटना में गंगा नदी के किनारे अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से लगभग 20 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
13 अक्टूबर, 2013: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। भगदड़ इस अफवाह से शुरू हुई थी कि श्रद्धालु जिस नदी पुल को पार कर रहे हैं, वह ढहने वाला है।
3 अक्टूबर, 2014: पटना के गांधी मैदान में दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद मची भगदड़ में 32 लोगों की मौत हो गई थी और 26 अन्य घायल हो गए थे।
14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश में राजमुंदरी में गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर मची भगदड़ में 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए, वहां ‘पुष्करम’ उत्सव की शुरुआत के दिन भक्तों की भारी भीड़ जमा थी।
1 जनवरी, 2022: जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक अन्य घायल हो गए।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स